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'सुनो द्रौपदी, शस्त्र उठा लो' विनेश फोगाट ने किसके खिलाफ कविता के जरिए भरी हुंकार?

विनेश फोगाट ने कविता के जरिए यह साफ कर दिया है कि अब पहलवानों को अपने हक की लड़ाई खुद ही लड़नी पड़ेगी.

'सुनो द्रौपदी, शस्त्र उठा लो' विनेश फोगाट ने किसके खिलाफ कविता के जरिए भरी हुंकार?

रेसलर विनेश फोगाट.

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डीएनए हिंदी: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के विवादित चीफ रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. दिल्ली पुलिस की जांच के बीच राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर एक कविता के जरिए अपना गुस्सा निकाला है. विनेश फोगाट ने 'सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो' शीर्षक से एक कविता शेयर की है. उन्होंने पहलवानों के लिए न्याय मांगा है.

विनेश ने पुष्यमित्र उपाध्याय की लिखी गई एक प्रसिद्ध कविता की तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट की. तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, 'वी वांट जस्टिस.'

विनेश फोगाट बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना दे चुकी हैं. पहलवानों का प्रोटेस्ट, उनके नेतृत्व में ही चल रहा था. बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून को महिला पहलवानों का पीछा करने और यौन उत्पीड़न के आरोप में चार्जशीट दायर हुई थी.

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'सरकार से मदद की उम्मीद लेकिन नहीं मिल रहा है न्याय'

विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित दिग्गज पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की ओर से आश्वासन दिए जाने के बाद 15 जून तक अपना विरोध प्रदर्शन रोक दिया था. अब बीजेपी सांसद के खिलाफ चार्जशीट दायर की जाएगी.

क्यों विनेश फोगाट ने शेयर की कविता?

विनेश फोगाट ने कविता शेयर करके अपना गम जाहिर किया है. उन्होंने नाउम्मीदी जताई है कि अब पहलवानों को न्याय नहीं मिलेगा. उन्होंने इशारों-इशारों में पीएम नरेंद्र मोदी पर भी तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि अब पहलवानों को अपने हक की लड़ाई खुद लड़नी होगी. इस इशारे में यह भी तंज है कि प्रधानमंत्री हर घटनाक्रम से वाकिफ हैं फिर भी चुप है. उनका इशारा, पुलिस, प्रशासन और सरकार तक पर भी है.

किसने लिखी है द्रौपदी कविता?

पुष्यमित्र उपाध्याय ने यह कविता लिखी है. पढ़ें उनकी कविता- 

सुनो द्रौपदी! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे
छोड़ो मेहंदी खड्ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जाएंगे
सुनो द्रौपदी! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे.

कब तक आस लगाओगी तुम
कब तक आस लगाओगी तुम, बिके हुए अखबारों से
कैसी रक्षा मांग रही हो दुःशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जाहीन पड़े हैं
वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्रौपदी! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे.

तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे
कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है
तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझाएंगे?
सुनो द्रौपदी! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे.

बृजभूषण सिंह के खिलाफ 1,000 पन्नों की चार्जशीट तैयार

दिल्ली पुलिस ने कथित यौन उत्पीड़न मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख के खिलाफ गुरुवार को करीब 200 गवाहों के बयानों के साथ 1,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई गई है.

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राउज एवेन्यू कोर्ट की मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट महिमा राय के सामने चार्जशीट दायर करने के अलावा, दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, जिसमें बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक 'नाबालिग' पहलवान द्वारा दायर प्राथमिकी रद्द करने की मांग की गई थी. 

पुलिस ने आरोपों पर क्या कहा है?

पुलिस की ओर से दायर की गई 550 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है. मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा चार्जशीट दायर करने के तुरंत बाद, पहलवानों ने अपने अगले कदम पर चर्चा शुरू कर दी, लेकिन ज्यादा खुलासा नहीं किया. रिपोर्ट्स के अनुसार एक पहलवान ने ट्रेनिंग शुरू कर दी है. (इनपुट: IANS)

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