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'जिन्हें समझता रहा बड़ा, वे निकले बहुत छोटे', नितिन गडकरी का क्यों छलका दर्द?

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई में कहा, 'मेरा अनुभव यह रहा है कि जिन लोगों को मैं ‘बड़ा’ समझता था, वे करीब से देखने पर ‘बहुत छोटे निकले.'

'जिन्हें समझता रहा बड़ा, वे निकले बहुत छोटे', नितिन गडकरी का क्यों छलका दर्द?

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)

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डीएनए हिंदी: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) का अपने विरोधियों पर निशाना साधने का अंदाज अलग ही रहता है. वह तंजिया लहजे में आलोचना करते हैं, फिर चाहे वो विपक्षी दल का सदस्य हो या फिर अपनी ही सरकार. गडकरी ने एक बार फिर कुछ इसी अंदाज में कुछ कहा है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को दिल्ली से बेहतर पाया और उनका अनुभव यह रहा है कि जिन लोगों को वह ‘बड़ा’ समझते थे, उन्हें करीब से देखने पर वे ‘बहुत छोटे’ निकले.

नितिन गडकरी ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जब उन्हें अपनी पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था तब वह दिल्ली में रहते थे. उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘दिल्ली का पानी अच्छा नहीं है.महाराष्ट्र बहुत अच्छा है. मुंबई बहुत अच्छी है.’ उनकी इन ये बातें सुनकर वहां मौजूद लोग ठहाके लगाने लगे. गडकरी का यह बयान न सिर्फ उनकी खुद की पार्टी व नेताओं को खुद के गिरेबान में झांकने की ओर इशारा कर रहा था, बल्कि उनका दर्द भी छलक रहा था. 

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'जिन्हें समझता था कद्दावर नेता, वे बहुत छोटे निकले'
नितिन गडकरी 2009 से 2013 तक भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष थे. वह पहले 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा सरकार में मंत्री थे. वह 2014 से नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, 'मैंने उसे (अपने दोस्त को) यह भी बताया कि जिन लोगों को मैं कद्दावर मानता था, जब मैं उनके करीब गया, तो मुझे एहसास हुआ कि वे उतने कद्दावर नहीं थे जितना मैंने सोचा था. वे बहुत छोटे थे और जिन्हें मैं छोटा समझता था, जब मैं उनके करीब गया तो पाया कि वे कद्दावर थे. यह मेरे जीवन का अनुभव रहा है.'

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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने गुरुवार को गुजरात के वडोदरा जिले में 21,935 करोड़ रुपये की टाटा-एयरबस सैन्य परिवहन विमान निर्माण सुविधा की स्थापना की घोषणा की. यह प्रोजेक्ट पहले महाराष्ट्र में बनने वाला था. इसके लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 7 अक्टूबर को टाटा समूह के प्रेजिडेंट को एक पत्र भी लिखा था. इसमें कहा गया था कि महाराष्ट्र सरकार नागपुर में मिहान (नागपुर में मल्टी-मॉडल इंटरनेशनल हब एयरपोर्ट) में एक SEZ बनाएगा. इस ऑफर के बाद भी यह प्रोजेक्ट बाद में गुजरात के खाते में चला गया.

(भाषा इनपुट के साथ)

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