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'कानूनी विकल्प तलाशेंगे' WFI की मान्यता रद्द होने पर भड़के संजय सिंह

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा है कि अगर मान्यता बहाल नहीं होती है तो वे कानूनी विकल्प तलाशेंगे.

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'कानूनी विकल्प तलाशेंगे' WFI की मान्यता रद्द होने पर भड़के संजय सिंह

बृजभूषण शरण सिंह और WFI चीफ संजय सिंह.

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डीएनए हिंदी: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह अब मान्यता रद्द होने के बाद कानूनी विकल्पों की तलाश में जुट गए हैं. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ने राहत नहीं दी तो वे कोर्ट का रुख करेंगे. संजय सिंह ने कहा है कि सरकार को अपनी स्थिति के बारे में बताकर निलंबन रद्द करने की मांग करेंगे कि उन्होंने फैसले करते समय किसी तरह से नियमों का उल्लंघन नहीं किया है और अगर मामले का समाधान नहीं होता तो वे कानूनी विकल्प भी तलाश कर सकते हैं. 

सरकार ने रविवार को WFI की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित कर दिया क्योंकि उसका मानना है कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना और खिलाड़ियों को तैयारी के लिए नोटिस दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की जल्दबाजी में घोषणा की गई. 

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कानूनी विकल्प तलाशेंगे संजय सिंह
संजय सिंह ने कहा, 'हम खेल मंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं और उनसे निलंबन हटाने का आग्रह करते हैं. अगर बातचीत से मामला नहीं सुलझता तो हम कानूनी विकल्प तलाश सकते हैं. हम सरकार को बताएंगे कि हमने निर्णय करते समय नियमों का पालन किया है. हम सबूत पेश करेंगे. जो भी फैसले किए गए वह सर्वसम्मति से किए गए. यह मेरा कोई निजी फैसला नहीं था. 24 राज्य संघों ने हलफनामे दिए थे और हमारे पास ईमेल हैं. हमारे पास सब कुछ लिखित में है.'

क्या है पहलवानों का रिएक्शन
WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन में प्रमुख चेहरा रही साक्षी मलिक ने डब्ल्यूएफआई को निलंबित करने के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा, 'यह कुछ अच्छा होने की दिशा में पहला कदम है. मुझे उम्मीद है कि सरकार समझेगी कि हम किस उद्देश्य के लिए लड़ाई लड़ रहे थे. अगर महासंघ की अध्यक्ष कोई महिला होती है तो यह महिला पहलवानों की सुरक्षा के लिए अच्छा होगा. यह देश की बहनों और बेटियों के लिए लड़ाई थी.'

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बजरंग पूनिया ने विरोध में लौटा पद्मश्री, नहीं लेंगे वापस
बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह के WFI अध्यक्ष बनने के विरोध में शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को लौटाने वाले बजरंग पूनिया ने कहा कि वह इसे वापस नहीं लेंगे.

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टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने कहा, 'अब मैंने अपना पुरस्कार लौटा दिया है और मैं उसे वापस लेने नहीं जा रहा हूं. हमारी बहनों और बेटियों का सम्मान किसी भी पुरस्कार से बड़ा है. सभी ने देखा होगा कि क्या हो रहा है. न्याय मिलने के बाद ही मैं इसे वापस लेने के बारे में विचार करूंगा. मामला अदालत में है और हम न्याय का इंतजार कर रहे हैं.'

बजरंग, साक्षी और विनेश फोगाट ने बृजभूषण पर डब्ल्यूएफआई का प्रमुख रहते हुए महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया था. (इनपुट: PTI)

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