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बंगाल में सड़क और रेल पटरियों पर क्यों उतरा है कुर्मी समाज? क्या है उनकी मांग

Bengal Kurmi Protest: कुर्मी संगठनों ने ममता सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो रेल रोको आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

बंगाल में सड़क और रेल पटरियों पर क्यों उतरा है कुर्मी समाज? क्या है उनकी मांग

प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक और राष्ट्रीय राजमार्ग को किया जाम

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डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर कुर्मी समाज (Kurmi Samaj) पिछले पांच दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहा है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने रेलवे लाइन और नेशनल राजमार्ग-6 को रोक दिया. कुर्मी समाज ने ममता सरकार को धमकी दी है कि अगर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया तो रेल रोको आंदोलन जारी रहेगा.

कुर्मी आदोंलन की वजह से दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं.आंदोलनकारी रेलवे लाइन पर ही बैठ गए, जिससे कई ट्रेन रद्द कर दी गईं, जबकि कुछ रूट बदल दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार से लगभग 250 मेल/एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनों को रद्द किया गया है. प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खेमासुली में राष्ट्रीय राजमार्ग-6 रोक दिया. जिससे सैकड़ों वाहन फंस गएं और लंबे समय तक यातायात बाधित रहा.

बेनतीजा निकली सरकार से बातचीत
हालांकि, सरकार ने कुर्मी समुदाय के नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें आंदोलन वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश की लेकिन बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला. कुर्मी समाज की राज्य कार्यसमिति के सदस्य तापस महतो ने कहा, ‘पश्चिम मेदिनीपुर में खेमासुली स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन अभी भी जारी है और राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर भी प्रदर्शन किया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांगे मान लेगी तो हम आंदोलन को वापस ले लेंगे. लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.’ 

रेलवे ट्रैक पर उतर प्रदर्शनकारी

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2004 से मांग कर रहा है कुर्मी समाज
बता दें कि कुर्मी समाज पिछले कई सालों से बंगाल सरकार से अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग कर रहा है. बंगाल, ओडिशा और झारखंड में कुर्मियों की यह पुरानी मांग है. झारखंड सरकार ने 2004 में सिफारिश की कि कुर्मी जनजाति को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची के बजाय अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल किया जाए. कुर्मी समुदाय ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा और कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहा है.

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बंगाल में कितनी है कुर्मी की आबादी
कुर्मी समाज बंगाल के अलावा झारखंड और ओडिशा में बसा है. बंगाल में इनकी आबादी 40 लाख से अधिक है. जबकि झारखंड में कुल आबादी के 25 प्रतिशत लोग कुर्मी समाज के हैं. ओडिशा में इनकी संख्या 25 लाख है. कुर्मी संगठनों की मांग है कि राज्य की सीएम ममता बनर्जी बंगाल के जंगलमहल क्षेत्र की 35 विधानसभा सीटों पर हमारे प्रभाव को देखते हुए केंद्र से सिफारिश करे. उधर, ओडिशा में सत्तारूढ़ पार्टी बीजद ने कुर्मियों की इस मांग का समर्थन किया है.

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