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खुद को LIC एजेंट बताकर ठगे 40 लाख रुपये, पांच साल तक 'प्रीमियम' जमा करती रही बुजुर्ग महिला

एक व्यक्ति ने खुद को LIC एजेंट बताकर महिला से पांच साल तक धोखाधड़ी की. महिला ने बताया कि उन्होंने पांच साल में लगभग 40 लाख रुपये दे डाले.

खुद को LIC एजेंट बताकर ठगे 40 लाख रुपये, पांच साल तक 'प्रीमियम' जमा करती रही बुजुर्ग महिला

5 साल तक धोखाधड़ी का शिकार होती रही महिला

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डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की एक बुजुर्ग महिला धोखाधड़ी की शिकार हुई हैं. एक व्यक्ति ने खुद को जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का एजेंट बताकर महिला को 70 लाख रुपये दिलाने का वादा किया. महिला को झांसा देकर तमाम शुल्कों के नाम इस व्यक्ति ने उनसे 40 लाख रुपये ठग लिए. महिला को पांच साल बाद एहसास हुआ कि उनके साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है. इसके बाद उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाई।

पुलिस ने बताया कि दादर वेस्ट में रहने वाली 61 वर्षीय महिला एमटीएनएल में काम करती थीं. साल 2020 में उन्होंने सीनियर एग्जीक्यूटिव के पद से वीआरएस ले लिया. उन्होंने बताया कि साल 2015 में एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया और बताया कि वह लाइस सिक्योर और टैक्स सेविंग पॉलिसी का फंड मैनेजर है. 

70 लाख देने के लिए जमा कराए 40 लाख रुपये
उसने महिला को बताया कि उन्होंने पॉलिसी नंबर IR/3103/B095 के तहत 1.70 लाख रुपये जीते हैं.  इस धोखेबाज ने महिला से कहा कि उन्हें ये पैसे तब मिलेंगे जब वह 40 लाख रुपये की एक अन्य पॉलिसी लेंगी.महिला को झांसा दिया गया कि पॉलिसी के 40 लाख रुपये कई किश्तों में जमा किए जाएंगे. पैसे जमा कर देने के बाद महिला को 70 लाख रुपये मिलंगे और पिछली पॉलिसी के हिसाब से बोनस के तौर पर 1.70 लाख रुपये और मिलेंगे. 

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महिला को लगा कि वह व्यक्ति सचमुच एलआईसी से है. उन्होंने भरोसा करके प्रीमियम जमा करना शुरू कर दिया. महिला के मुताबिक, उन्होंने मई 2015 से जुलाई 2020 के बीच कुल 39.66 लाख रुपये जमा किए. एफआईआर में कहा गया कि महिला जब भी अपनी पॉलिसी के बारे में या मेच्योरिटी के बारे में कोई जानकारी मांगतीं तो उन्होंने झूठी जानकारी दी जाती थी.

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फोन उठना बंद हुआ, तब हुआ ठगी का एहसास
बाद में इन लोगों ने महिला का फोन उठाना बंद कर दिया. एक साल बाद महिला ने खोजबीन की तो समझ आया कि उन्हें तो ठग लिया गया है. ठगे जाने का एहसास होने के बाद महिला ने पुलिस से संपर्क किया और एफआईआर दर्ज कराई. अब पुलिस ने आईटी ऐक्ट और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने बैंकों से भी इन लेनदेन की जानकारी मांगी है.

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