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अब 'कूनो' के चीतों पर नया पेच, राजघराने ने अपनी जमीन वापस मांगी

एक तरफ 75 साल बाद चीतों की वापसी पर देशभर में खुशी का माहौल है, वहीं राजघराने ने कूनो पार्क की अपनी जमीन वापस मांगी है...

अब 'कूनो' के चीतों पर नया पेच, राजघराने ने अपनी जमीन वापस मांगी

चीता

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डीएनए हिन्दी: करीब 75 साल बाद भारत में चीतों की वापसी को लेकर देशभर में खुशी का माहौल है. लेकिन,अब इसमें नया पेच फंसता नजर आ रहा है. श्योपुर के पालपुर राजघारने ने कूनो नेशनल पार्क से अपनी जमीन वापसी के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. 

इस समय पूरे देश में चंबल इलाके का कूनो नेशनल पार्क चर्चा में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन के मौके पर 17 सितंबर को नामीबिया लाए गए चीतों को छोड़कर प्रोजेक्ट चीता का शुभारंभ करेंगे. ध्यान रहे कि भारत में 75 साल पहले चीते विलुप्त हो गए थे.

अब श्योपुर में पालपुर राजघराने की ओर से विजयपुर सेशन कोर्ट में ग्वालियर हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना संबंधी याचिका दायर की गई है. इस अर्जी में राजघराने कूनो नेशनल पार्क में प्रशासन द्वारा 'कब्जा' की गई अपनी जमीन वापस करने की मांग की है. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की तरीख 19 सितंबर को रखी है.

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दरअसल पालपुर रियासत के वारिस गोपाल देव  सिंह ने दावा किया है कि उन्होंने अपना किला और जमीन शेरों के लिए बनने वाले कूनो नेशनल पार्क के लिए दी थी. उन्होंने कहा कि जब गिर के शेर यहां आए थे तो उन्होंने अपना किला, मंदिर और 260 बीघा जमीन छोड़ दी थी. उन्होंने कहा हमने इसलिए अपनी जमीनें दी थी कि यहां शेरों की वजह से जंगल सुरक्षित रहेंगे. लेकिन, अब यहां चीता आ रहे हैं और चीतों के लिए पेड़ काटकर बड़े-बड़े मैदान बनाए जा रहे हैं.

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कुंवर गोपाल देव सिंह ने कहा कि अब राजघराना अपनी संपत्ति वापस चाहता है. इसके लिए हमने सेशन कोर्ट में याचिका दायर की है.

दरअसल पालपुर रियासत के वंशज शिवराज कुंवर, पुष्पराज सिंह, कृष्णराज सिंह, विक्रमराज सिंह, चंद्रप्रभा सिंह, विजयाकुमारी आदि ने ग्वालियर हाई कोर्ट में कूनो नेशनल पार्क के लिए ली गई अपनी भूमि अधिग्रहण के खिलाफ साल 2010 में ग्वालियर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी. उस वक्त हाई कोर्ट ने उनकी याचिका पर संतुष्टि जताते हुए कहा था कि आप सीधे हाई कोर्ट मत आइए, पहले सेशन कोर्ट में जाइए.

हाई कोर्ट ने 2013 में श्योपुर कलेक्टर के मार्फत इस मामले को विजयपुर सेशन कोर्ट में में ले जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन 2013 से श्योपुर के कलेक्टर इस मामले को टालते रहे. पालपुर रियासत के वंशजों ने 2019 में श्योपुर कलेक्टर के खिलाफ हाई कोर्ट में अवमानना की कार्रवाई शुरू की. तब आनन-फानन में विजयपुर सेशन कोर्ट में मामला भेजा गया. रियासत का आरोप है कि कलेक्टर ने कोर्ट को गलत जानकारी दी थी. अब हाई कोर्ट के इसी अवमानना के खिलाफ रियासत के वंशज सेशन कोर्ट गए हैं. अब इस मामले की सुनवाई 19 तारीख को होगी.

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