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अवधेश राय हत्याकांड क्या है? इसी केस में मुख्तार अंसारी को हुई उम्रकैद की सजा

मुख्तार अंसारी ने कांग्रेस नेता अवधेश राय की उनके ही घर के सामने हत्या करवाई थी जिसके चलते उसके खिलाफ मुकदमा चल रहा था.

अवधेश राय हत्याकांड क्या है? इसी केस में मुख्तार अंसारी को हुई उम्रकैद की सजा
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डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की गुंडागर्दी और माफियाराज में एक बड़े नाम मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को आज झटका लगा है. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) ने  गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है. उसके साथ इसी केस में गैंगस्टर भीम सिंह को भी बराबर सजा दी गई है. मुख्तार पर मामला साल 1996  में दर्ज किया गया था लेकिन यह फैसला अब 2022 में 27 सालों के बाद आया है. मुख्तार को उत्तर प्रदेश के सबसे खतरनाक गैंगस्टर्स में से एक माना जाता है जो कि लंबे वक्त तक राजनीति में आकर संगठित तौर पर अपराध का खेल खेलता रहा.

मुख्तार अंसारी और भीम सिंह पर सजा के साथ ही दोनों पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. ये जानकारी ADGC क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने दी है. ADGC नीरज ने बताया कि मुख्तार और भीम सिंह पर पांच गैंग चार्ज के मुकदमे लगाए गए थे. इनमें 1991 में सिगरा हत्याकांड , वाराणसी में अवधेश राय हत्याकांड, गाजीपुर कोतवाली क्षेत्र में तत्कालीन एडिशनल एसपी पर गोलीकांड केस शामिल हैं. इन सारे केसों को मिलाकर मुख्तार के खिलाफ 27 साल बाद एक बड़ा फैसला आया है.

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बड़े अपराधों में शामिल रहा है नाम

बता दें कि 1996 में दर्ज गैंगस्टर मामले में आज 26 साल बाद कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है. पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के पर कुल 5 मामलों में 12 दिसंबर को 11 गवाहों की गवाही, जिरह और बहस पूरी हो चुकी थी. जिसके बाद आज उसे सजा सुनाई जानी थी. आज उसकी पेशी कोर्ट रूम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी. इस दौरान जैसे ही उसके खिलाफ सजा का फैसला सुनाया गया, मुख्तार अंसारी फूटफूट कर रोने लगा. 

क्या था अवधेश राय हत्याकांड

अवधेश राय हत्याकांड यूपी के सबसे चर्चित अपराधों में से एक था. ये मामला 3 अगस्त, 1991 का है. यूपी कांग्रेस के बड़े नेता अवधेश राय लहुराबीर स्थित अपने घर के सामने थे, तभी उन पर हमला हुआ था. उनके पूरे शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया गया था. उनके भाई पूर्व विधायक अजय राय ने इस मामले में चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह और राकेश समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. तब से इस मामले में सुनवाई हो रही थी.

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कौन है मुख्तार अंसारी?

मुख्तार अंसारी, मऊ से लगातार 5 बार विधायक चुना जा चुका है. मुख्तार पर गैंग्सटर, माफिया, हत्या के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. मुख्तार अंसारी की गिनती कुख्यात नेताओं में होती है. मुख्तार जेल से भी चुनाव जीतता है. 15 वर्षों की जेल भी मुख्तार अंसारी की जमीन पर पकड़ कम नहीं कर पाई है. मुख्तार अंसारी का जन्म एक प्रतिष्ठित परिवार में गाजीपुर में हुआ था. मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी क्रांतिकारी थे. साल 1926 से लेकर 27 के वे कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. मुख्तार अहमद अंसारी महात्मा गांधी के करीबी लोगों में शामिल रहे हैं. माफिया मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर उस्मान थे जिन्हें 1947 की लड़ाई में शाहदत मिली थी. अदम्य शौर्य के लिए उन्हें महावीर चक्र मिला था.

प्रतिष्ठित परिवार से आने के बावजूद बन गया माफिया

मुख्तार अंसारी के पिता सुभानउल्ला अंसारी कम्युनिस्ट नेता रहे हैं. पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी मुख्तार अंसारी के रिश्ते में चाचा लगते हैं. मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी बसपा के बड़े नेता हैं और गाजीपुर से सांसद हैं. वे भी 5 बार सांसद रह चुके हैं. मुख्तार अंसारी ऐसे पारिवारिक बैकग्राउंड के बाद भी माफिया बन गया. मुख्तार अंसारी पर विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप है. 2000 में 1985 से सत्ता में काबिज रहा अंसारी परिवार, चुनाव हार गया था.

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कृष्णानंद राय की हत्या का भी है मामला

पारिवारिक सीट गंवाने के बाद मुख्तार अंसारी बौखला गया था. जब कृष्णानंद राय की हत्या हुई तब मुख्तार जेल में था लेकिन हत्याकांड में संलिप्तता के आरोपों से नहीं बच सका. गाजीपुर में परिवार की हनक ऐसी है कि मुख्तार के घर को लोग बड़का फाटक कहते हैं. मुख्तार अंसारी की सियासी पारी इतनी हिट है कि कौमी एकता दल (अब बसपा में विलय है), कांग्रेस से लेकर बसपा तक का सफर तय कर चुका है. कहा जा सकता है कि मुख्तार अंसारी की इलाके में तूती बोलती रही है. हालांकि यूपी में पिछले 5 सालों के दौरान उसकी हनक काबू में आई है और वह बांदा जेल में ही बंद है.

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