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PM Visit Mana Village: देश के आखिरी गांव माना में क्या है खास, सरस्वती नदी-महाभारत से क्या है कनेक्शन

Badrinath जाते हैं तो माना गांव जरूर जाएं, इस गांव की खासियत बहुत है. इसे आखिरी गांव कहते हैं, पीएम मोदी इस गांव जाने वाले हैं, जानें क्या है खास

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PM Visit Mana Village: देश के आखिरी गांव माना में क्या है खास, सरस्वती नदी-महाभारत से क्या है कनेक्शन
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डीएनए हिंदी: Mana Village Significance-  उत्तराखंड का सबसे खूबसूरत गांव है माना, जिसे देश का अंतिम गांव (Last village of India) कहा जाता है, बदरीनाथ (Badrinath) जाने वाले कभी इस गांव को देखना नहीं भूलते, पहाड़ों के बीच खूबसूरत वादियों में बसा ये गांव पौराणिक कथा और कई मुख्य आकर्षक बिंदुओं के लिए जाना जाता है. बदरीनाथ से तीन किमी दूर चमोली जिले में स्थित ये गांव भारत और चीन की सीमा से लगा हुआ है. (India-China Border)

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi Badrinath Uttarakhand Visit) 21 अक्टूबर को जब बदरीनाथ की यात्रा पर होंगे तब वे इस गांव के दर्शन भी करेंगे. चलिए जानते हैं इस गांव की खासियत क्या है, महाभारत से इस गांव का क्या कनेक्शन है और साथ ही इसका पौराणिक इतिहास क्या है. 

इस गांव में एक चाय की दुकान है जहां पर लिखा हुआ है कि हिंदुस्तान की अंतिम चाय की दुकान, भारत और चीन की सीमा से लगा हुआ ये गांव खूबसूरती की मिसाल है. इस गांव का संपर्क महाभारत से है. पांडवों ने यहां से ही स्वर्ग का रास्ता बनाया था. 

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  • Mana Village सरस्वती नदी के लिए प्रसिद्ध है
  • माना गांव अपनी खास जड़ी-बूटियों के लिए प्रसिद्ध है
  • Mana Village अपने प्रकृति के अनोखे नजारे के लिए प्रसिद्ध है
  • माना गांव में कम लोग रहते हैं, 60-70 घर हैं. 

सरस्वती नदी का इतिहास (Saraswati River History) 

माना गांव से जब तोहड़ा की तरफ जाते हैं तब वहां एक व्यास गुफा है, उसके बाद गणेश गुफा और वहीं सरस्वती नदी का पुल बना हुआ है. ये नदी इतिहास में काफी प्रसिद्ध है. यहां एक भीम पुल भी है. व्यास गुफा में बैठकर महाभारत की रचना की गई थी. जब गणेश जी वेद लिख रहे थे तब सरस्वती नदी का शोर हो रहा था, लेकिन सरस्वती ने उनकी बात नहीं सुनी और बहती रही. तभी उन्हें गणेश जी ने श्राप दिया कि अब सरस्वती यही रुक जाएगी, आगे नहीं बहेगी. तब से सरस्वती गुप्त रूप से बहती है

कहावत है कि पांडवों ने स्वर्ग जाने के लिए सरस्वती नदी से रास्ता मांगा लेकिन सरस्वती ने उनकी बात नहीं मानी और मार्ग नहीं दिया तो भीम ने दो बड़े पत्थर उठाकर उस के बीच में रख दिया और इस तरह से इस पुल का निर्माण हुआ और कहते हैं कि इस पुल से होकर ही पांडव स्वर्ग गए थे. इसलिए इस पुल का नाम भीम पुल रखा गया और यह पुल आज भी यहां पर मौजूद है. 

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माता मूर्ति मंदिर - Mata Murti Temple

माता मूर्ति मंदिर भगवान नारायण की मां को समर्पित है, लोक कथाओं के अनुसार, माता मूर्ति ने भगवान विष्णु से अपने पुत्र के रूप में जन्म लेने का अनुरोध किया था, जिसके बाद भगवान विष्णु ने नर और नारायण के रूप में जन्म लेकर माता मूर्ति की इच्छा पूरी की थी.

तप्त कुंड (Tapt kund)

तप्त कुंड एक ऐसा कुंड है जिसमे 12 महीने गरम पानी निकलता है, माना जाता है जो इस कुंड में स्नान करता है उसकी त्वचा से सम्बन्दित सभी परेशानी दूर हो जाती है

कैसे पहुंचे माना 

हरिद्वार या ऋषिकेश से सड़क मार्ग से जा सकते हैं, वहां तक ट्रेन ले सकते हैं, इसके अलावा बदरीनाथ से तीन किमी दूर है,
 

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