डीएनए हिंदी : आज यानि 25 मई 2022 के दिन अपरा एकादशी ( Apara Ekadashi 2022 ) पर्व मनाया जा रहा है. ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है. इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं. भगवान श्री हरी और मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में धन, ऐश्वर्य का आगमन होता है. एकादशी तिथि 25 मई 2022, को सुबह 10 बजकर 32 मिनट से शुरू होगी और 26 मई 2022 को सुबह 10 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी. किन्तु एकादशी व्रत की शुरुआत गुरुवार के दिन होगा और शुक्रवार के दिन समापन किया जाएगा. इस दिन कुछ नियमों का पालन करने से घर पर धन और वृद्धि का आगमन होगा.
सर्वप्रथम एकादशी व्रत का प्रारंभ करने से पहले नहा धोकर अपने घर की कुल देवी देवता या इष्ट का ध्यान करें.
मां लक्ष्मी और विष्णु की एक साथ पूजा करें. साथ ही 'ॐ श्रीम हरीम श्रीम कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद।।' मंत्र का जाप करें.
शास्त्रों में बताया गया है कि आज के दिन गौ सेवा करने से और गाय को घर का भोजन खिलाने से सभी कष्ट और रुकावटों का नाश होता है और धन-वैभव की प्राप्ति होती है.
Apara Ekadashi Katha : प्रेत योनि से मुक्ति के लिए रखा जाता है यह व्रत, जानिए पूजा का समय भी
अपरा एकादशी के दिन व्रत रखने से प्रेतयोनि से मुक्ति मिलती है. इस एकादशी को मोक्षदायनी भी कहा जाता है जिसका मतलब है कि व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति को लाभ मिलता है. इसके साथ जीवन में मान-सम्मान की वृद्धि होती है. साथ ही धन, वैभव और ऐश्वर्य का आशीर्वाद मिलता है.
यह भी पढ़ें: Chanakya Niti: विद्यार्थियों के लिए वरदान हैं आचार्य चाणक्य की ये खास बातें
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.