डीएनए हिंदी: हिन्दू धर्म में चाणक्य नीति ( Chanakya Niti ) को बहुत महत्व दिया गया है. वह इसलिए क्योंकि आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे विषयों पर प्रकाश डाला है जिनको जानने से मनुष्य के जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं. आचार्य चाणक्य की नीतियों को हर वर्ग के द्वारा पढ़ा जाता है क्योंकि इसमें न केवल राजनीति के विषय में बताया है बल्कि धर्म, स्वास्थ्य, सफलता आदि विषयों को भी शामिल किया गया है. चाणक्य नीति के इस भाग में चार ऐसे अनमोल चीजों के बारे में जानते हैं जिनको अपनाने से जीवन में कई प्रकार के कष्ट दूर हो जाएंगे.
नात्रोदक समं दानं न तिथि द्वादशी समा।
न गायत्र्या: परो मंत्रो न मातुदेवतं परम्।।
चाणक्य नीति के इस श्लोक के अनुसार दुनिया में सबसे बड़ा धर्म दान है. अगर आप किसी जरूरतमंद को अन्न-जल का दान करते हैं तो आप सबसे अधिक पुण्य का काम रहे हैं. सभी को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान जरूर करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि एकादशी तिथि के दिन व्रत रखने से भक्तों को बहुत लाभ मिलता है. हिंदू पंचांग में 11 एकादशी तिथि का वर्णन किया गया है. इस दिन पूजा-पाठ करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. इस दिन आत्मा शुद्ध भी होती है.
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हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को सबसे असरदार बताया है. आचार्य चाणक्य के अनुसार सभी मंत्रों में गायत्री मंत्र को सबसे बड़ा बताया है. वह इसलिए क्योंकि माता गायत्री को वेदमाता कहा जाता है और सभी वेदों की उत्पत्ति इन्हीं से हुई थी.
आचार्य चाणक्य ने मां का दर्जा सबसे बड़ा बताया है, क्योंकि मां से बड़ा न कोई देवता है और न तीर्थ है और न ही कोई गुरु है. माता पिता की सेवा करने वाले व्यक्ति को किसी तरह की भक्ति करने की जरूरत नहीं होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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