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Chanakya Niti: कब जरुरी है एकांतवास और कब लेना चाहिए लोगों का साथ, जानिए चाणक्य की खास नीति

Chanakya Niti Motivation: चाणक्य नीति कैसे सफल बनाया जाए इसके विषय में बताया है, साथ ही जानिए कि व्यक्ति को तप, पढ़ाई और युद्ध के समय कैसे रहना चाहिए.

Chanakya Niti: कब जरुरी है एकांतवास और कब लेना चाहिए लोगों का साथ, जानिए चाणक्य की खास नीति
चाणक्य नीति

डीएनए हिंदी: Chanakya Niti- आचार्य चाणक्य को विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में गिना जाता है. उन्होंने राजनीति, कूटनीति और रणनीति के साथ-साथ जीवन में उपयोगी विभिन्न नीतियों की भी रचना की. उनके द्वारा रचित चाणक्य नीति को आज भी कई प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाया जाता है. आचार्य चाणक्य ने जीवन को कैसे सफल बनाया जाए इस विषय पर बड़ी गहराई से सोच-विचार किया था और उन्हें श्लोक के रूप में उसे संकलित किया. चाणक्य नीति (Chanakya Niti in Hindi) के इस भाग में आइए जानते हैं कि व्यक्ति को तप पढ़ाई और युद्ध में कैसे रहना चाहिए.

चाणक्य नीति श्लोक: Chanakya Niti Inspirational Quotes

एकाकिना तपो द्वाभ्यां पठनं गायनं त्रिभिः । 
चतुर्भिगमन क्षेत्रं पञ्चभिर्बहुभि रणम् ।।

इस श्लोक का अर्थ है कि व्यक्ति को तप हमेशा एकांत और अकेले करना चाहिए, पढ़ाई के समय दो साथी होने चाहिए. गाने में 3 लोगों का होना जरूरी है, कहीं जाते समय चार लोगों होने चाहिए. खेत में 5 लोगों होने जरूरी है और युद्ध के दौरान अनेक सैनिकों की आवश्यकता होती है.

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व्याख्या:- इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य बता रहे हैं कि तप अर्थात तपस्या हमेशा अकेले और एकांत में करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि सांसारिक जीवन में कभी मन एकाग्रित नहीं किया जा सकता. इसके लिए एकांतवास और अकेला रहना बहुत जरूरी होता है. पढ़ाई के समय 2 छात्रों को एक साथ पढ़ना चाहिए जिससे किसी भी सवाल पर अगर कठिनाई हो तो उसे हल किया जा सके. गाते समय तीन लोगों का होना जरूरी है क्योंकि इससे लय अधिक मधुर हो जाती है. कहीं जाते समय चार लोग जरूर होने चाहिए. इससे यात्रा सुगम हो जाती है. साथ ही वास्तु शास्त्र‌ में भी यह बताया गया है कि कभी भी तीन लोगों को एक साथ घर से नहीं निकलना चाहिए ऐसा करना अशुभ होता है. इसके बाद आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने बताया है कि खेत में कम से कम पांच व्यक्ति जरूर होने चाहिए. इससे खेती का काम अधिक जल्दी पूरा हो जाता है. अंत में आचार्य बताते हैं की युद्ध में एक राष्ट्र या राज्य की रक्षा केलिए अनेक सैनिकों की आवश्यकता होती है. इससे विजय होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. जो व्यक्ति आचार्य चाणक्य की इन बातों को समझ लेता है वह सफलता की राह पर अपने आप चलने लगता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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