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Putrada Ekadashi 2022: श्रावण मास में इस दिन रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी व्रत

Putrada Ekadashi 2022: शास्त्रों में बताया गया है की पुत्रदा एकादशी व्रत रखने से कई लाभ प्राप्त होते हैं, जानिए क्या है इस व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त और इसका महत्व?

Putrada Ekadashi 2022: श्रावण मास में इस दिन रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी व्रत
भगवान विष्णु

डीएनए हिंदी: Putrada Ekadashi 2022 Date- हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. मान्यता है कि एकादशी व्रत का पालन करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. आपको बता दें कि पूरे साल 24 एकादशी तिथि पड़ती है लेकिन सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है. सावन मास में एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) को पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल यह व्रत 8 अगस्त को रखा जाएगा. शास्त्रों में बताया गया है की पुत्रदा एकादशी व्रत रखने से संतान की प्राप्ति होती है और उनके सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं. आइए जानते हैं क्या है पुत्रदा एकादशी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त और इसका महत्व.

एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त (Putrada Ekadashi 2022 Shubh Muhurat)

एकादशी तिथि प्रारंभ: 7 अगस्त 2022 सुबह 11:51 से
एकादशी तिथि समाप्त: 8 अगस्त 2022 रात 8:00 बजे तक
व्रत पारण का समय: 9 अगस्त 2022 सुबह 6:08 से 8:43 तक

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पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा विधि (Putrada Ekadashi 2022 Puja Vidhi)

व्रत के दिन प्रातः काल स्नान-ध्यान करके शुद्ध वस्त्र पहने. आप अगर पीला वस्त्र पहनते हैं तो यह शुभ माना जाता है. इसके बाद एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और भगवान विष्णु की प्रतिमा को उस पर स्थापित करें. इसके बाद घी का दीपक जलाएं और तुलसी व तिल से उनका अभिषेक करें. एकादशी तिथि के दिन ही श्रावण मास का आखिरी सोमवार होने के कारण मंदिर में भगवान विष्णु की आराधना के साथ-साथ भगवान शिव का भी रुद्राभिषेक करें.

पुत्रदा एकादशी व्रत महत्व (Putrada Ekadashi 2022 Significance)

श्रावण मास में पड़ने वाले सभी व्रत एवं त्यौहारों का महत्व बढ़ जाता है. इसी प्रकार पुत्रदा एकादशी व्रत रखने से भी व्यक्ति को बहुत लाभ होता है. मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से संतान की प्राप्ति होती है और श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. मान्यता यह भी है कि भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से धन और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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