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Ahoi Ashtami पर देश नहीं विदेश से भी Radha Kund में नहाने आते हैं लोग, जानें क्या है खास

संतान की लंबी उम्र और सेहत के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस दिन संतान प्राप्ति की कामना करने वाले लोग राधा कुंड में स्नान करने भी आते हैं.

Ahoi Ashtami पर देश नहीं विदेश से भी Radha Kund में नहाने आते हैं लोग, जानें क्या है खास

Radha Kund

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डीएनए हिंदी: पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखने के बाद अब महिलाएं संतान की लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी व्रत की तैयारी कर रही हैं. यह व्रत ना सिर्फ संतान की लंबी उम्र और सेहत के लिए रखा जाता है बल्कि संतान की कामना के लिए भी इस व्रत का विशेष महत्व है. जिन्हें संतान ना हो उन्हें भी यह व्रत करने से संतान प्राप्ति का फल मिलने की मान्यता है. इसी से जुड़ी है एक बेहद पुरानी परंपरा. यह परंपरा है राधा कुंड में स्नान करने की. कहा जाता है कि निःसंतान दंपत्ति अगर अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड में स्नान करते हैं तो उन्हें संतान प्राप्ति हो जाती है. जानते हैं इस परंपरा से जुड़ी कहानी और मान्यता-

क्या है राधा कुंड में स्नान करने की परंपरा
लंबे समय से अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड में स्नान की परंपरा चली आ रही है. राधा कुंड के जल को चमत्कारी माना जाता है. कहा जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से राधा रानी खुश होती हैं और निःसंतान दंपतियों की संतान की इच्छा को पूरा करती है. बच्चों की अच्छी सेहत के लिए भी इस स्नान को खास बताया गया है.  यही वजह है कि अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड में स्नान करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. 

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क्या है राधा कुंड की कहानी
बचपन में श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत के आस-पास अपने दोस्तों के साथ खेला करते थे. इस दौरान एक बार अरिष्टासुर ने गाय के बछड़े का रूप लेकर भगवान श्रीकृष्ण पर हमला करना चाहा, मगर श्रीकृष्ण ने उसका वध कर दिया.राक्षस अरिष्टासुर से ब्रजवासी काफी परेशान थे, इसलिए भी श्रीकृष्ण ने उसका वध किया दिया था. कहा जाता है कि श्री कृष्ण ने राधा रानी को अरिष्टासुर के वध की बात बताई. तब राधा रानी ने उनसे कहा कि आप पर गौवंश हत्या का दोष लगेगा.तब श्री कृष्ण ने अपनी बांसुरी से एक कुंड खोदा और उसमें स्नान किया. इस पर राधा रानी ने भी बगल में अपने कंगन से एक दूसरा कुंड खोदा और उसमें स्नान किया. कथाओं के अनुसार श्रीकृष्ण द्वारा खोदे गए कुंड को श्‍याम कुंड और राधा जी द्वारा कुंड को राधा कुंड के नाम  से जाना जाता है. 

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कहां है राधा कुंड
मथुरा से 30 किमी दूर गोवर्धन परिक्रमा पथ के बीच स्थित है राधा कुंड.अहोई अष्टमी पर देश ही नहीं विदेशों से भी लोग यहां स्नान करने आते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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