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Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष में होती है इन तीन पक्षियों की पूजा, जानें क्या है पूरी कहानी?

Pitru paksha 2022 : पितृपक्ष में हंस, गरुड़ और कौओं का खास महत्व है. पितृपक्ष के समय मे पितृ धरती पर इन पक्षियों में ही आश्रय लेतें है. यहां पढ़ें पितृपक्ष के दौरान इन तीन पक्षियों की पूजा क्यों कि जाती है.

Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष में होती है इन तीन पक्षियों की पूजा, जानें क्या है पूरी कहानी?

इन तीन पक्षियों में होता है पितरों का वास

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डीएनए हिंदी: पितृपक्ष (Pitru Paksha 2022) के दौरान पितरों की आत्मा के शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण के अलावा पक्षियों की पूजा की जाती है. पितृपक्ष के दौरान पितरों को तृप्त कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए पक्षियों को भोजन करवाया जाता है. माना जाता है कि पितृपक्ष (Pitru Paksha 2022) के दौरान पक्षियों को भोजन करवाने से वह भोजन सीधे पितरों को प्राप्त होता है.

इन तीन पक्षियों में होता है पितरों का वास

हंस हंस में देव आत्माएं वास करती हैं. मान्यता है कि जिन्होंने अपने जीवन मे पुण्यकर्म किए हैं उन्हें हंस योनि में स्थान मिलता है. जिसके बाद दोबारा उन्हें मनुष्य योनि में या देव लोक में स्थान प्राप्त होता है. ऐसे में हंस की सेवा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

गरुड़ पक्षियों में सबसे पवित्र गरूड़देव को भगवान विष्णु के वाहन के रूप में जाना जाता है. गरुङ पुराण का नाम भी गरुड़ के नाम पर है. जिसमें स्वर्ग- नर्क, श्राद्ध कर्म, पितृलोक आदि का उल्लेख मिलता है. गरुड़ देव ने रामायण काल में भगवान राम को मेघनाथ के नागपाश से मुक्ति दिलाई थी.

कौआ  कौआ को अतिथि-आगमन का सूचक माना जाता है. पितृपक्ष के दौरान कौओं को भोजन कराने से पितरों की आत्मा संतुष्ट होती है. यह मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान कौओं को भोजन करने से वह भोजन पितरों को प्राप्त होता है. 

यह भी पढ़ें: Ganpati Visarjan 2022: जानिए गणपति बप्पा के विसर्जन का शुभ मुहूर्त और छप्‍पन भोग का महत्व  

मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान देव लोक से जब पितृ धरती पर आतें हैं तो इन्हीं पक्षियों में आश्रय लेते हैं और धरती पर विचरण करतें हैं. ऐसे में पितृपक्ष के दौरान इन पक्षियों को भोजन कराने से पितरों को भोजन प्राप्त होता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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