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Shani Dosh Upay: शनि दोष से चाहिए मुक्ति तो 108 नामों के साथ करें इस मंत्र का जाप, सफल होगा हर काम

Shani Dosh Mukti Upay: अगर आप शनि दोष से मुक्ति चाहते हैं तो शनि देव के इन 108 नामों का जाप जरूर करें. इससे शनि देव का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होगा..

Shani Dosh Upay: शनि दोष से चाहिए मुक्ति तो 108 नामों के साथ करें इस मंत्र का जाप, सफल होगा हर काम

शनि दोष से चाहिए मुक्ति तो 108 नामों के साथ करें इस मंत्र का जाप

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डीएनए हिंदी: शास्त्रों के अनुसार शनि देव न्‍याय के देवता हैं और वे कर्मों के अनुसार फल देते हैं.  इसके अलावा वह जिन पर मेहरबान रहते हैं, उनका जीवन आलीशान तरीके से गुजरता है और उन्हें जीवन में किसी भी तरह की कोई समस्या झेलनी नहीं पड़ती है. वहीं दूसरी ओर जिन लोगों पर शनि देव की बुरी दृष्टि रहती है वह पाइ (108 Shani Mantra) पाइ से मोहताज हो जाते हैं और उनका जीवन दुखों से गिर जाता है. ऐसे लोग जीवन में तमाम परेशानियों से परेशान रहने लगते हैं. ऐसे में अगर आप शनि दोष (Shani Dosh) से मुक्ति चाहते हैं तो शनि देव के इन 108 नामों का जाप जरूर करें इससे शनि देव का शुभ आशीर्वाद (Shani Dosh Mukti Upay) प्राप्त होगा. आइए जानते हैं शनि देव के इन 108 नामों के बारे में.... 

शनिदेव के 108 नामों का जाप 

घन, सौम्य, शरण्य, सर्वाभीष्टप्रदायिन्सु, रवन्द्य, शनैश्चर, सुरलोकविहारिण्सु, खासनोपविष्ट, सुंदर, शांत, घनरूप, घनाभरणधारिण्घ, नसारविलेप, खद्योत, मन्द, वरेण्य, सर्वेश, मन्दचेष्ट, महनीयगुणात्मन्म, र्त्यपावनपद, महेश, छायापुत्र, शर्व, शततूणीरधारिण्च, रस्थिरस्वभाव, अचञ्चल, नीलवर्ण, नित्य, नीलाञ्जननिभ, नीलाम्बरविभूशण, निश्चल, वेद्य, विधिरूप, विरोधाधारभूमी, भेदास्पदस्वभाव, वज्रदेह, वैराग्यद, वीर, वीतरोगभय, विपत्परम्परेश

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विश्ववन्द्य, गृध्नवाह, गूढ, कूर्माङ्ग, कुरूपिण्कुत्सित, गुणाढ्य, गोचर, आयुष्यकारण, आपदुद्धर्त्र, विष्णुभक्त, वशिन्, अविद्यामूलनाश, विद्याविद्यास्वरूपिण्वि, विधागमवेदिन्, विधिस्तुत्य, वन्द्य, विरूपाक्ष, वरिष्ठ, गरिष्ठ, वज्राङ्कुशधर, वरदाभयहस्त, वामन, ज्येष्ठापत्नीसमेत, श्रेष्ठ, मितभाषिण्, कष्टौघनाशकर्त्र, पुष्टिद, स्तुत्य, स्तोत्रगम्य, भक्तिवश्य, अशेषजनवन्द्य, विशेषफलदायिन्, भानु. 

भानुपुत्र, भव्य, पावन, धनुर्मण्डलसंस्था, धनदा, धनुष्मत्, तनुप्रकाशदेह, तामस, वशीकृतजनेश, पशूनां पति, खेचर, घननीलाम्बर, काठिन्यमानस, आर्यगणस्तुत्य नीलच्छत्र, नित्य, निर्गुण, गुणात्मन्, निन्द्य, वन्दनीय, धीर, दिव्यदेह, दीनार्तिहरण, क्रूर, क्रूरचेष्ट, दैन्यनाशकराय, आर्यजनगण्य, कामक्रोधकर, कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारण, परिपोषितभक्त, परभीतिहर, भक्तसंघमनोऽभीष्टफलद, निरामय, शनि. 

शनि दोष से मुक्ति का मंत्र

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय या मृंतात।।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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