Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Kanwar Yatra Alert: Delhi Police की सख्ती-मांस खाने के बाद हड्डियों को रास्ते पर ना फेंके, और कई निर्देश जारी

Kanwar Yatra 2022: 20 July को कांवड़ यात्री दिल्ली पहुंचेंगे. दिल्ली पुलिस ने उनके लिए अलर्ट जारी किए हैं. जिसमें सोशल मीडिया पर निगरानी, लोहार को रूट से दूर रखना आदि शामिल है. जानिए और क्या है गाइडलाइंस

Kanwar Yatra Alert: Delhi Police की सख्ती-मांस खाने के बाद हड्डियों को रास्ते पर ना फेंके, और कई निर्देश जारी
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: सावन (Sawan 2022) शुरू होते ही कांवड़ियों (Kanwar Yatra 2022) की धूम भी शुरू हो जाती है. जगह जगह से कांवड़ यात्री अपनी यात्रा लेकर निकल पड़े हैं. राज्य सरकारों ने उनके लिए खास गाइडलाइन जारी की है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने भी यात्रियों के लिए सख्ती भरे निर्देश जारी किए हैं. 20 जुलाई से कांवड़ यात्रियों के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है.हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि 23 से 26 जुलाई के बीच शहर में सबसे ज्यादा कांवड़ यात्री पहुंचेंगे, इसलिए पुलिस ने कई तरह के अलर्ट जारी किए हैं. 

सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस ने कांवड़ यात्रा के मार्ग से लेकर खान-पान, सोशल मीडिया (Social Media use) के इस्तेमाल आदि पर निगरानी रखने का प्लान बनाया है. यह भी बताया जा रहा है कि यात्री मांसाहारी भोजन (Non Veg Food) का सेवन करके हड्डियों को कहीं भी पीछे छोड़ देते हैं, इसलिए Route पर लोहार आदि भी हटाने के लिए कहा गया है ताकि हड्डियों को कहीं भी फेंका न जाए. यात्री अपने साथ त्रिशूल, तलवार, लाठी लेकर चलते हैं ऐसे में किसी भी तरह की दंगे वाली घटना या संवेदनशील मामलों में लड़ाई ना हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा.

यह भी पढ़ें- कांवड़ यात्रा में रखें इन बातों का ध्यान, यात्रा का महत्व जानें


सोशल मीडिया पर भी पुलिस की नजर (Eye on Social Media Post and Comments)

सूत्रों ने बताया कि एक छोटी सी घटना भी एक बड़ी कानून-व्यवस्था )Legal System) की समस्या का कारण बन सकती है. यात्रियों में जोश ज्यादा होता है, थोड़ी सी बात में एक साथ कई लोग इकट्ठा हो जाते हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पर गलत और भड़काऊ पोस्ट (Social Post) डालने पर नजर रखी जाएगी.  

यह भी पढ़ें- क्यों गंगा जल ही भरते हैं कांवड़ यात्री, जानिए इसके पीछे की कहानी


असामाजिक तत्व कभी-कभी एक विशेष समुदाय को भड़काने और उन्हें कानून का उल्लंघन करने के लिए प्रेरित करने के लिए सोशल मीडिया (Misuse of Social Media) का इस्तेमाल किया जाता है, इसपर निगरानी रखी जाएगी. सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट डालते हैं.डीजे साउंड सिस्टम पर भी नजर रखी जाएगी. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement