Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

रावण से भी बड़ा था त्रिपुरासुर असुर, शिव जी ने किया था वध, इस कारण देवता मनाते हैं देव दीपावली

Dev Deepawali कैसे मनाएं, कब है शुभ मुहूर्त, इसके पीछे एक पौराणिक कहानी है, शिवजी ने कैसे राक्षस का वध किया था, जानें क्या है इसका महत्व

Latest News
रावण से भी बड़ा था त्रिपुरासुर असुर, शिव जी ने किया था वध, इस कारण देवता मनाते हैं देव दीपावली
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: Dev Deepawali Significance- दिवाली के 15 दिनों बाद देव दीपावली (Dev Deepawali 2022) का त्योहार मनाया जाता है. कहते हैं इस दिन धरती पर देवी देवता उतरकर दिवाली का त्योहार मनाते हैं. काशी में देव दीपावली का नजारा बहुत ही खास होता है. आज काशी के घाटों को दीपों से सजाया जाएगा और शिव के विजय का जश्न मनेगा. क्या आप जानते हैं कि क्यों ये दीपावली इतनी खास और अलग है. इसके पीछे की पौराणिक कथा क्या है 

शास्त्रों के अनुसार इस दिन शाम के समय शिव-मन्दिर में भी दीप जलाए जाते हैं. शिव मन्दिर के अलावा अन्य मंदिरों में भी, चौराहे पर और पीपल के पेड़ व तुलसी के पौधे के नीचे भी दीपक जलाए जाते हैं. काशी के रविदास घाट से लेरप राजघाट तक लाखों दीए जलाए जाते हैं। इस साल भी नजारा कुछ ऐसा ही होगा. 

यह भी पढ़ें- कार्तिक पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय, इन चीजों को गलती से भी ना करें 

क्या है इसके पीछे की कहानी 

इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. देवताओं को परेशान करने के लिए त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने स्वर्ग पर कब्जा कर लिया था, उसके अत्याचारों से हर कोई परेशान हो गया था. ऐसे में हर कोई चाहता था कि उसके आतंक से मुक्ति मिल जाए. ऐसे में भगवान शिव की आराधना की गई और फिर उन्होंने त्रिपुरासुर का वध किया और हर किसी को उसके आतंक से मुक्ति मिल गई. इसी कारण भगवान शिव को त्रिपुरारी नाम से भी जानते हैं. भगवान शिव ने जब इस राक्षस का संहार किया तो उस दिन कार्तिक पूर्णिमा का दिन था. राक्षस के वध के बाद सभी देवी देवता प्रसन्न होकर काशी आए थे और दीप जलाकर खुशियां मनाई थी. साथ में शिव की विजय की जय जयकार भी हुई थी. 

शुभ समय

र्तिक पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - 7 नवंबर 2022 को शाम 04 बजकर 15 मिनट से शुरू

कार्तिक पूर्णिमा तिथि समाप्त - 8 नवंबर 2022 को शाम 04 बजकर 31 मिनट तक

प्रदोष काल देव दीपावली मुहूर्त - शाम 05 बजकर 14 मिनट से 07 बजकर 49 मिनट तक

अवधि - 02 घंटे 35 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:43 से दोपहर 12:26 मिनट तक

सूतक काल कितनी देर है, सूर्य ग्रहण में कौन से काम ना करें 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement