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Hanuman Jayanti 2023: हनुमान जी ही नहीं, इन 7 देवों को भी मिला था अमरता का वरदान, आज भी धरती पर हैं मौजूद

Hanuman Jayanti 2023: हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताों के अनुसार हनुमान जी (Hanuman Ji) के अलावा इन 7 चिरंजीवी को भी अमर माना जाता है.

Hanuman Jayanti 2023: हनुमान जी ही नहीं, इन 7 देवों को भी मिला था अमरता का वरदान, आज भी धरती पर हैं मौजूद

प्रतीकात्मक तस्वीर

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डीएनए हिंदी: आज 6 अप्रैल 2023 को चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti 2023) का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन चिरंजीवी बजरंगबली का जन्म हुआ था. हनुमान जी को अमर होने का वरदान था वह आज भी धरती पर मौजूद हैं. इसी वजह से उन्हें कलयुग का देवता माना जाता है. हालांकि हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताों के अनुसार हनुमान जी (Hanuman Ji) के अलावा इन 7 चिरंजीवी को भी अमर माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इन सभी देवों को अमर होने का वरदान मिला था. इन सभी में से अश्वधामा को श्रीकृष्ण ने श्राप दिया था. अश्वधामा इसी श्राप के कारण अमर माने जाते हैं. तो चलिए हनुमान के अलावा इन सात अमर देवों के बारे में जानते हैं.

हनुमान ही नहीं इन देवों को भी मिला था अमरता का वरदान (Hanuman Ji And Chiranjeevi Dev)
परशुराम जी

भगवान विष्णु का छठा अवतार माने जाने वाले परशु राम जी को भी अमर माना जाता है. इन्हें अमरत्व का वरदान प्राप्त था. परशुराम जी का जन्म वैशाख माह की शुक्ल पक्ष तृतीया को हुआ था.

विभीषण
विभीषण को भी अमरत्व का वरदान मिला हुआ था. मान्यताओं के अनुसार राम जी ने लंका विजय के बाद विभीषण को लंका नरेश बनाने के साथ ही अमर होने का वरदान भी दिया था.

दैत्यराज बलि
दैत्यराज बलि को भगवा विष्णु से पृथ्वी और स्वर्ग देने के बदले में अमर होने का वरदान मिला था. दैत्यराज बलि को पालाल लोक में अमर रहने का वरदान मिला था.

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ऋषि मार्कण्डेय
ऋषि मार्कण्डेय को शिव जी का परम भक्त माना जाता है. इन्होंने भगवान शिव की पूजा और महामृत्युंजय का पाठ कर चिरंजीवी का वरदान प्राप्त किया था.

महर्षि वेद व्यास
महर्षि वेद व्यास ने श्रीमदभगवद महापुराण और कई धार्मिक ग्रंथों की रचना की है. उन्हें कलिकाल के अंत तक जीवित रहने का वरगदान मिला था.

अश्वत्थामा
अश्वत्थामा को भगवान श्रीकृष्ण से अनंत काल तक पृथ्वी पर भटकने का श्राप मिला था. इसी श्राप के कारण अश्वत्थामा अमर हो गए थे.

कृपाचार्य
कृष्ण के विराट स्वरूप का दर्शन करने वाले कृपाचार्य को भी अमर होने का वरदान प्राप्त था. उन्हें अपने अच्छे कर्मों की वजह से अमर होने का वरदान मिला था.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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