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Soul Secret: मरने के बाद आत्मा घर में कितने समय तक रहेगी? हर धर्म की मान्यता है अलग

मृत्यु सत्य है, मृत्यु के बाद क्या होता है यह अटकलों का विषय है. यदि विज्ञान एक बात कहता है, तो विभिन्न धर्मों के धर्मग्रंथ अलग-अलग बातें कहते हैं. आत्मा हमारे साथ कितने समय तक रहती है, इसे लेकर भी धर्मों में अलग-अलग मान्यताएं हैं.

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हिंदू धर्म में माना जाता है कि व्यक्ति की आत्मा 13 दिनों तक घर में रहती है. मृत्यु के दिन से लेकर 13 दिनों तक परिवार के सदस्य कई तरह के कार्य करते हैं. घर में श्राद्ध, पिंडदान समेत कई कार्य किए जाते हैं. 13वें दिन आत्मा सभी आसक्तियों से मुक्त हो जाती है और अपने गंतव्य की ओर चली जाती है. ऐसा माना जाता है कि इन 13 दिनों के दौरान परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए कार्य आत्मा को उसकी मंजिल तक पहुंचाने में मदद करते हैं.

सिख धर्म: सिख धर्म में मृत्यु के बाद आत्मा घर पर नहीं रहती है. सिख मान्यताओं के अनुसार आत्मा का पुनर्जन्म होता है. जन्म और मृत्यु तब तक जारी रहती है जब तक आत्मा ईश्वर में विलीन नहीं हो जाती. आत्मा घर में कितने समय तक रहती है यह यहां स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया है. 

बौद्ध धर्म: बौद्ध धर्म में मृत्यु के बाद 49 दिनों तक आत्मा मध्यवर्ती अवस्था में रहती है. इसे बार्डो कहा जाता है. इस समय आत्मा को उसके अगले जीवन का मार्गदर्शन करने के लिए मार्गदर्शन दिया जाता है. आत्मा के पुनर्जन्म के लिए विशेष प्रार्थनाएं और अनुष्ठान किए जाते हैं.

इस्लाम: इस्लाम के अनुसार आत्मा का वास घर में नहीं होता. आत्मा कुछ समय के लिए कब्र में आराम करती है. वहां इससे बहुत सारे सवाल पूछे जाते हैं. कर्म के अनुसार ही स्वर्ग या नर्क की घोषणा होगी. कुछ समय बाद कब्र में मौजूद आत्मा अपने निर्धारित स्थान पर चली जाती है. 

ईसाई धर्म: ईसाई धर्म में भी यह नहीं माना जाता कि घर में आत्मा का वास होता है. मृत्यु के तुरंत बाद आत्मा भगवान के सामने प्रकट होती है. ईसाई धर्म के अनुसार आत्मा स्वर्ग या नर्क में जाती है. वहां उसे अपने कर्मों का फल मिलता है. यहां कोई विशेष समय निर्धारित नहीं है. 

प्रत्येक धर्म आत्मा, स्वर्ग, नर्क और कर्म में विश्वास करता है. सभी धर्मों में कहा गया है कि मनुष्य द्वारा किया गया कर्म ही स्वर्ग और नर्क का मार्ग है. 

वैज्ञानिक क्या मानते हैं: विज्ञान में केवल जन्म और मृत्यु को ही सत्य माना जाता है. मृत्यु के बाद आत्मा की यहां कोई कीमत नहीं है. विज्ञान आत्मा के अस्तित्व को नहीं मानता और मृत्यु को भौतिक क्रियाओं का अंत मानता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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