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Dahi Handi Celebration 2023: मुंबई में दही हांडी की धूम, दादर में महिला गोविंदाएं फोडेंगी मटकी

Dahi Handi Celebration In Mumbai: मुंबई में आज धूमधाम से दही हांडी का उत्सव मनाया जा रहा है. यहां हर साल की तरह दादर के श्री दत्त मित्र मंडल ने भी महिला दही हांडी लगाई है...

Dahi Handi Celebration 2023: मुंबई में दही हांडी की धूम, दादर में महिला गोविंदाएं फोडेंगी मटकी

मुंबई में दही हांडी की धूम, दादर में महिला गोविंदाएं फोडेंगी मटकी

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डीएनए हिंदीः देश के हर राज्य में कृष्ण जन्माष्टमी को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है और दही हांडी भी फोड़ी जाती है. बता दें मुंबई में दही हांडी का उत्सव आज यानी 7 सितंबर को मनाया जा रहा है. यहां, कई जगहों पर दही हांडी का आयोजन किया जाता है. वैसे तो देश के कई हिस्सों में दही-हांडी का उत्सव धूमधाम से मनाया (Dahi Handi Celebration In Mumbai) जाता है. लेकिन, गोकुल और मुंबई में इसकी खास रौनक देखने को मिलती है. बता दें कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को दही हांडी उत्सव का आयोजन किया जाता है. इस दिन मिट्टी के बर्तन में दही भरकर ऊपर रस्सी पर लटका (Dahi Handi) दिया जाता है और गोविंदाओं की टोली पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर लटकी हांडी को तोड़ते हैं. हर साल की तरह इस बार भी दादर में महिला दही-हंडी का आयोजन किया गया है...

महिला गोविंदाओं ने सजाई दही हांडी

मुंबई में अलग-अलग जगहों पर भव्य रूप से दही हांडी का आयोजन किया जाता है. यहां हर साल की तरह दादर के श्री दत्त मित्र मंडल ने भी महिला दही हांडी लगाई है. महीला गोविंदाओं के द्वारा यहां मटकी फोड़ने की पूरी तैयारी हो चुकी है और 9 बजे महिला दही हांडी को शुरुआत होगी. वहीं 9:30 बजे पुरुष दही हांडी उत्सव को शुरुवात की जाएगी. बता दे की मुंबई की पहली हांडी ये दादर को फोड़ी जाती है और आज यहां महिला गोविंदाएं 'लड़किया भी लडको से भी कम नहीं' कहकर मटकी फोड़ेंगी. 

दही हांडी उत्सव

भगवान श्री कृष्ण बचपन में बहुत ही शरारती थे, इसलिए उन्हें नटखट गोपाल भी कहा जाता था. शास्त्रों के अनुसार कृष्ण के बाल्याकाल से कई लीलाएं जुड़ी हैं, जिनमें से एक है मटकी तोड़कर माखन चुराना. श्री कृष्ण बचपन में पड़ोस के घरों की मटकी फोड़कर माखन चुराया करते थे. इसलिए भगवान श्री कृष्ण की इसी बाल लील को सामने रखने या दर्शाने के लिए हर साल जन्माष्टमी के बाद दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है. दही हांडी के अलावा इसे गोपाल कला या दहिकला भी कहते हैं.


दही हांडी का शुभ मुहूर्त आज यानी 7 सितंबर को सुबह से लेकर शाम तक है. इस उत्सव के दिन चौक- चौराहों, गली- मोहल्ले या फिर किसी मैदान में ऊंचाई पर एक रस्सी की मदद से दही से भरी हांडी को बांध दिया जाता है और फिर गोविंदाओं की टोली एक दुसरे के ऊपर चढ़ कर एक पिरामिड बनाती है और हांडी फोड़ने की कोशिश करती है. मान्यता है कि हर साल दही हांडी भगवान श्री कृष्ण खुद फोड़ते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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