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Kaal Bhairav Jayanti Upay: सरसों तेल और रोटी से करें ये उपाय, जीवन के सभी कष्ट होंगे दूर

Kaal Bhairav जयंती के दिन कुछ उपाय करने से काल भैरव की कृपा होती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं, सरसों तेल और रोटी से करें उपाय

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Kaal Bhairav Jayanti Upay: सरसों तेल और रोटी से करें ये उपाय, जीवन के सभी कष्ट होंगे दूर
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डीएनए हिंदी: Kaal Bhairav Jayanti Upay- मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि काल भैरव जयंती के रूप में मनाई जाती है. इस साल काल भैरव जंयती 16 नवंबर को है, इसे कालाष्टमी भी कहते हैं. इस दिन कुछ उपाय करने से काल भैरव प्रसन्न होकर आपके दुखों को नष्ट करते हैं. 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सरसों तेल से कुछ उपाय करने से भैरवनाथ की कृपा प्राप्त होती है. काल भैरव भगवान शिव का ही रूद्र रूप हैं. काल भैरव जयंती के दिन शिव की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है. मान्यता है कि काल भैरव की पूजा करने से भूत-प्रेत,नकारात्मक शक्तियां और विपदाएं कम होती हैं. शास्त्रों के अनुसार काल भैरव को भगवान शिव का पंचम अवतार माना जाता है. 

यह भी पढ़ें- कब है काल भैरव, पूजा विधि, शुभ समय, कैसे करें पूजा 

काल भैरव जयंती 2022 मुहूर्त  (Kaal Bhairav Jayanti Muhurat) 

हिंदू पंचांग के अनुसार काल भैरव जयंती मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन मनाई जाती है. इस बार अष्टमी तिथि 16 नवंबर को सुबह 5 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 17 नवंबर 2022 सुबह 07 बजकर 57 मिनट तक है. 

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क्या करें उपाय (Upay)

इस दिन विधि विधान से काल भैरव की पूजा करें और कई लोग व्रत भी रखते हैं. 

इस तिथि पर शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. इससे वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो जाती हैं. 

काल भैरव जयंती के दिन एक रोटी को सरसों के तेल में चुपड़कर किसी काले कुत्ते को खिला दें. इससे व्यक्ति का व्यक्तित्व मजबूत होता है. काम में भी सफता मिलती है.

मार्गशीर्ष की अष्टमी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें, इसके बाद कुश के आसन पर बैठ जाएं और काल भैरव की विधिवत पूजा करें. इसके बाद पूजा के दौरान ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम: इस मंत्र का जाप करें और रुद्राक्ष की माला से कम से कम 5 बार जपें. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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