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Rahu ketu: राहु दिमाग और केतु दिल पर करता है असर, जानें कुंडली में इन दो ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव

Rahu ketu: राहु और केतु शरीर के अलग-अलग अंगों के प्रधान होते हैं और ऐसे में यह उन्हीं अंगों को प्रभावित करते हैं.

Rahu ketu: राहु दिमाग और केतु दिल पर करता है असर, जानें कुंडली में इन दो ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव

प्रतीकात्मक तस्वीर

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डीएनए हिंदी: शनिदेव को न्याय का देव माना जाता है क्योंकि वहीं सभी व्यक्तियों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. हालांकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु और केतु (Rahu Ketu) भी व्यक्ति को प्रभावित करते हैं. राहु और केतु (Rahu Ketu) की भूमिका पुलिस अधिकारियों की तरह मानाी जाती है वह शनि देव के आदेश के अनुसार ही कार्य करते हैं. राहु और केतु (Rahu Ketu) शनि के अनुचर होते हैं. राहु को सिर और केतु को धड़ से संबंधित माना जाता हैं. राहु और केतु (Rahu Ketu) शरीर के अलग-अलग अंगों के प्रधान होते हैं और ऐसे में यह उन्हीं अंगों को प्रभावित करते हैं. तो चलिए जानते हैं कि राहु और केतु (Rahu Ketu) किन अंगों को प्रभावित करते हैं. 

राहु (Rahu)
राहु के प्रभाव से गले और उसके ऊपर का हिस्सा यानी सिर और दिमाग प्रभावित होता है. राहु प्रधान व्यक्ति दिमाग से काम लेते हैं. राहु के भगवान देवी सरस्वती है. राहु का पशु हाथी और कांटेदार जंगली चूहे को माना जाता है. राहु का वृक्ष नारियल का पेड़ और कुत्ता घास होता है.

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राहु प्रभाव (Rahu Prabhav)
राहु के प्रभाव से व्यक्ति अपने दिमाग के अंदर गंदगी पाले रखता है. राहु के कारण अचानक दुर्घटना, अनहोनी और भय का विचार बना रहता है. राहु के प्रभाव से व्यक्ति बेईमान और धोखेबाज हो जाता है. राहु रे खराब होने से व्यक्ति की दिमाग संबंधित खराबियां हो जाती हैं. व्यक्ति को सिर पर चोट लगने का खतरा रहता है और ऐसी स्थिति में गुरु ग्रह भी साथ छोड़ देते हैं. राहु के अच्छे होने से व्यक्ति साहित्यकार, दार्शनिक, वैज्ञानिक बनता है. ऐसे लोग अधिकतर पुलिस और प्रशासन के कार्यों में भी होते हैं. 

राहु उपाय (Rahu Upay)
राहु के कमजोर होने पर आप सिर पर चोटी रख सकते हैं हालांकि चोटी रखने से पहले आपको लालकिताब विषेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए. आपको ससुराल पक्ष से अच्छे रिश्ते रखने चाहिए. राहु के उपाय के लिए आप रात को सिरहाने मूली रखकर सो जाए और सुबह मूली का मंदिर में दान कर दें.

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केतु (Ketu)
केतु शरीर के नीचले हिस्से यानी धड़ माना जाता है. केतु के प्रकोप से फेफड़े, पेट और पैर से संबंधित समस्याएं होती है. केतु का भगवान श्री गणेश जी को माना जाता है. केतु का पशु कुत्ता, सूअर, और छिपकली होते हैं और केतु के पौधे इमली और केले पेड़ होते हैं. 

केतु प्रभाव (Ketu Prabhav)
केतु के बुरे प्रभाव के कारण व्यक्ति जुबान और दिल से गंदा हो जाता है. धोखा, अत्याचार और फरेब करने वाला व्यक्ति भी केतु का शिकार होता है. ऐसे व्यक्ति की नौकरी, धंधा खाना पीना सभी मुश्किल हो जाता है. ऐसे व्यक्ति की नींद हराम हो जाती है और उसे सड़कों और जेल में सोना पड़ता है. केतु के प्रभाव से व्यक्ति को पेशाब की बीमारी, जोड़ों का दर्द, सन्तान उत्पति में रुकावट जैसी समस्याएं होती हैं. केतु के अच्छे होने पर व्यक्ति की पद प्रतिष्ठा बढ़ती है साथ ही उसे संतान का सुख मिलता है.

केतु उपाय (Ketu Upay)
भगवान श्री गणेश जी अराधना करनी चाहिए और संतान से अच्छे संंबंध रखने चाहिए. आप राहुु के उपाय के लिए कान छिदवाए और दो रंग के कुत्ते को रोटी खिलाएं. आप किसी लालकिताब विशेषज्ञ से सलाह लेकर कुत्ता भी पाल सकते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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