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संतान और पति के लिए आज रखा जाएगा मंगला गौरी का व्रत, जान लें पूजा की सही विधि

Mangla Gauri Vrat 2023: अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और खुशहाल जीवन के लिए मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है. आज सावन का आठवा मंगला गौरी व्रत है.

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संतान और पति के लिए आज रखा जाएगा मंगला गौरी का व्रत, जान लें पूजा की सही विधि

प्रतीकात्मक तस्वीर

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डीएनए हिंदीः पति की लंबी उम्र चाहती हैं या आप संतान सुख से वंछित है तो आज का दिन आपके लिए बहुत ही खास है. आज सावन महीने का आठवां मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2023) रखा जा रहा है. सावन में प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2023) रखा जाता है. यह व्रत सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखती है. अगर आप भी संतान प्राप्ति और पति की लंबी उम्र करना चाहती है तो इस विधि से व्रत करें. आज आपको अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और खुशहाल जीवन के लिए मंगला गौरी व्रत की विधि और इसके महत्व (Mangla Gauri Vrat 2023) के बारे में बताने वाले हैं.

मंगला गौरी व्रत 2023 पूजा विधि (Mangla Gauri Vrat 2023 Puja Vidhi)
- मंगला गौरी व्रत पर सुबह सूर्योदय से पहले उठने के बाद स्नान आदि कर लें. स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहन लें.
- स्नान आदि करने के बाद मां पार्वती का ध्यान करते हुए व्रत करने का संकल्प लें.
- 'मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरी प्रीत्यर्थं पंचवर्ष पर्यन्तं मंगला गौरी व्रतमहं करिष्ये' इस मंत्र का जाप करते हुए चौकी लगाएं.
- चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर पार्वती माता की तस्वीर स्थापित करें. मां पार्वती के समक्ष आटे का बना दीपक प्रज्वलित करें.
- माता पार्वती को सुहाग का सामान यानी 16 श्रृंगार चढ़ाएं. इसके साथ ही फल, फूल, माला, मिठाई इन चीजों को अर्पित करें.
- विधि-विधान से मां पार्वती की पूजा करें और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति की प्रार्थना करें. पूजा के बाद आरती अवश्य करें.

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मंगला गौरी आरती (Mangla Gauri Aarti)
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता
ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता. जय मंगला गौरी.

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता. जय मंगला गौरी.

सिंह को वाहन साजे कुंडल है,
साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था. जय मंगला गौरी.

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता. जय मंगला गौरी.

शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता. जय मंगला गौरी.

सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता. जय मंगला गौरी.

देवन अरज करत हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली मन में रंगराता. जय मंगला गौरी.

मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता
सदा सुख संपति पाता.

मंगला गौरी व्रत का महत्व (Mangla Gauri Vrat Significance)
वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनाए रखने और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मंगला गौरी का व्रत करना चाहिए. यह व्रत करने से घर की क्लेश भी दूर होती है. संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत करना शुभ होत है. कुंवारी कन्याओं के इस व्रत को करने से विवाह में आ रही अड़चने दूर होती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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