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Pitru Paksha: ​​​​​​​पितृपक्ष में मौत शुभ या अशुभ? जानिए मरने वालों को मिलता है कौन सा लोक

Pitru Paksha death auspicious or inauspicious: पितृपक्ष में किसी की मृत्यु होना शुभ है या अशुभ? या मरने वाला किस गति को प्राप्त होता है, चलिए जानें.

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Pitru Paksha: ​​​​​​​पितृपक्ष में मौत शुभ या अशुभ? जानिए मरने वालों को मिलता है कौन सा लोक

पितृपक्ष में मौत शुभ या अशुभ?

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डीएनए हिंदीः पितृपक्ष (Pitru Paksha) में किसी भी शुभ काम करने की मनाही होती है तो क्या पितृपक्ष में मरने वालों की मौत (Death In Pitru Paksha) भी अशुभ होती है? क्या उनकी मौत अपने परिवार या कुल पर भारी पड़ती है? हाल ही में राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) की मौत के बाद ये सवाल लोगों के मन में उठने लगा है. अगर आपके मन में भी ऐसे सवाल उठते हैं तो ये खबर आपकी सारी जिज्ञासाओं को शांत कर सकती है. 

ऐसा माना जाता है कि कि कुछ दिन या किसी खास पक्ष में मौत होना बेहद शुभ होता है और ऐसे लोगों शुभ गति यानी देवलोक में जाते हैं. तो पितृपक्ष में मरने वालों को क्या गति मिलती है या किसी लोक में वह जाते है, इससे जुड़ी, चलिए सारी बातें जानें.

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गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा जब शरीर से निकल जाती है तो कुछ समय तक अचेतन अवस्था में रहती है. मान्यता है कि आत्मा कर्मों अनुसार अपनी अपनी गति को प्राप्त करती है, लेकिन जब तक वह धरती पर रहती है वह अपने परिवार से बात करने, मिलने के लिए परेशान होती रहती है और यही कारण है कि जब तक उसकी मुक्ति के लिए पूजा नहीं होती वह भटकती रहती है.

वह फिर से अपने शरीर में लौटने की कोशिश करती है. धरती पर जब उसकी मुक्ति के लिए पूजा-पाठ हो जाता है तो यमदूत उसे उसके कर्मों के मुताबिक उसे गति देते हैं. 
 

इसलिए कहा जाता है कि इंसान अपने कर्म मरने के बाद भी भोगता है और अच्छे कर्म करने वाले अच्छे दिन धरती को त्यागते हैं. पितृपक्ष को लेकर भी ऐसा ही सोचना है. प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद से लेकर दर्शनशास्त्र उल्लेखित है कि यदि कोई भी व्यक्ति पितृ पक्ष में प्राण त्यागता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. 
 

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व्यक्ति की मृत आत्मा अपनी दिवंगत मृत परिजनों की आत्माओं के साथ संबंध जोड़ने में सफल होती है, जिससे उस दिवंगत आत्मा की जो परेशानी या बैचेनी है, वो शांत हो जाती हैऔर अपनी दिवंगत मृत आत्माओं का सान्निध्य पाकर अपनी आत्म उन्नति का मार्ग प्राप्त करती है. इसलिए कहा गया है कि पितृपक्ष में मरने वालवालों को परलोक मिलता है. 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बहुत भाग्यशाली माने जाते हैं. पितृपक्ष में प्राण त्यागने वाले लोगों को स्वर्ग में स्थान मिलता है.
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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