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Raksha Bandhan 2024: भद्राकाल में क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी? अच्छे काम करने की मनाही क्यों है?

रक्षा बंधन 2024: हर साल की तरह इस बार भी भद्रा काल रक्षाबंधन पर होगा. इसलिए ये जानना जरूरी है कि राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है? साथ ही ये भी जान लें कि भद्राकाल को क्यों अशुभ माना गया है और इस समय शुभ काम की मनाही क्यों है.

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Raksha Bandhan 2024: भद्राकाल में क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी? अच्छे काम करने की मनाही क्यों है?

 भद्रा काल में क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी

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इस साल रक्षा बंधन श्रावण मास के आखिरी दिन यानी 19 अगस्त को मनाया जाएगा . इस दिन बहनें भाई की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं और भाई, बहन को जीवन भर उसकी रक्षा करने का वचन देता है.  रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को होता है. 

हालांकि, हर साल की तरह इस साल भी रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा के साये में मनाया जाएगा. तो आइए जानते हैं रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ समय क्या है और भद्राकाल का समय  राखी क्यों नहीं बांधनी चाहिए.

रक्षाबंधन की सही तिथि

इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024 को है. इस दिन सोमवार को पूर्णिमा है और इसकी शुरुआत सुबह 03 बजकर 04 मिनट पर होगी. तो यह मुहूर्त रात 11 बजकर 55 मिनट पर खत्म होगा. 

भद्राकाल कब होगा? 

19 अगस्त सोमवार सुबह 5.53 बजे से दोपहर 1.32 बजे तक रहेगा. यानी ये समय करीब 8 घंटे का होगा. इस दौरान भाई को राखी बांधना अशुभ होता है. इसलिए भूलकर भी भद्राकाल में राखी न बांधें. 

रक्षा बंधन शुभ मुहूर्त
19 अगस्त सोमवार को शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शाम 04 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. इस दौरान आप अपने भाई को राखी बांध सकती हैं. 

भद्राकाल में क्यों नहीं बांधते राखी?

पौराणिक मान्यता के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य और उनकी पत्नी छाया की पुत्री हैं. साथ ही, शनिदेव की बहन भी हैं. पौराणिक कथा के अनुसार, भद्रा में राखी न बांधने के पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसके अनुसार लंका के राजा रावण को उनकी बहन भद्रा काल में राखी बांधती थी. कहा जाता है कि भद्राकाल में राखी बांधने से रावण का विनाश हो गया था. ऐसे में इस मान्यता के आधार पर जब भी भद्रा काल पड़ता है तो बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांधती हैं. उस समय के बाद राखी बांधी जा सकती है.

एक अन्य मान्यता के अनुसार भद्रा शनिदेव की बहन हैं. न्याय के देवता शनि की तरह भद्रा का स्वभाव उग्र है. कहा जाता है कि भद्रा को भगवान ब्रह्मा ने श्राप दिया था कि जो कोई भी भद्राकाल के दौरान कोई भी शुभ कार्य करेगा वह उसमें सफल नहीं होगा. भद्रा के बिना राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है. इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार भद्राकाल में कभी नहीं मनाना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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