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Panchak: आज से लग गया पंचक, शुभ या अशुभ कैसा पड़ेगा प्रभाव, कौन सा योग होता है सबसे खतरनाक

Raj Panchak 2023: इस बार 23 जनवरी से पंचक शुरू हो रहा है, इस दौरान इन कार्यों को करने से सफलता जरूर प्राप्त होगी.

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Panchak: आज से लग गया पंचक, शुभ या अशुभ कैसा पड़ेगा प्रभाव, कौन सा योग होता है सबसे खतरनाक

Panchak: आज से लग रहा है पंचक, शुभ या अशुभ कैसा पड़ेगा प्रभाव

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डीएनए हिंदीः ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जनवरी के चौथे सप्ताह यानी 23 जनवरी दिन सोमवार से पंचक (Panchak) प्रारंभ हो रहा है, जो कि 27 जनवरी तक रहेगा. क्योंकि इस बार यह पंचक सोमवार को लगने जा रहा है इसलिए यह (Raj Panchak 2023) राज पंचक है.

ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार से चलिए जानें कि पंचक कितने प्रकार के होते हैं और कौन से पंचक शुभ और कौन से अशुभ माने जाते हैं. सबसे बुरा पंचक कौन सा होता है और किस पंचक का नाम क्या है.

जनवरी 2023 में कब है पंचक (Raj Panchak 2023 Date And Time) 

इस बार पंचक 23 जनवरी, दिन सोमवार को दोपहर 01 बजकर 51 मिनट से प्रारंभ होगा. इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र में चंद्रमा कुंभ राशि में होंगे.

  • 24 जनवरी दिन मंगलवार को पूरे दिन पंचक रहेगा. 
  • 25 जनवरी दिन बुधवार को पूरे दिन पंचक रहेगा. इस दिन भद्रा 01:53 ए.एम से सुबह 07:13 ए.एम तक होगा.
  • 26 जनवरी दिन गुरुवार को पूरे दिन पंचक रहेगा.
  • 27 जनवरी दिन शुक्रवार को शाम 06:37 बजे पंचक समाप्त होगा. 

पंचक 5 प्रकार के होते हैं जानिए उनके शुभ-अशुभ परिणाम

रोग पंचक : रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है. इसके प्रभाव से ये पांच दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं. इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है.

अग्नि पंचक : मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है. इन पांच दिनों में कोर्ट-कचहरी और विवाद आदि के फैसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं. इस पंचक में अग्नि का भय होता है. ये अशुभ होता है. इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है. इनसे नुकसान हो सकता है.

मृत्यु पंचक : शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है. नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है. इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए. इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है. 

मृत्यु पंचक : शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है. नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है. इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए. इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है.

चोर पंचक : शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है. विद्वानों के अनुसार, इस पंचक में यात्रा करने की मनाही है. इस पंचक में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के सौदे भी नहीं करने चाहिए. मना किए गए कार्य करने से धन हानि हो सकती है. इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को सोमवार और मंगलवार के पंचक को माना जा सकता है.

पंचक में विवाह कर सकते हैं क्या?
पंचक में आने वाला उत्तराभाद्रपद नक्षत्र वार के साथ मिलकर सर्वार्थसिद्धि योग बनाता है, वहीं धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद रेवती नक्षत्र यात्रा, व्यापार, मुंडन आदि शुभ कार्यों में श्रेष्ठ माने गए हैं. उन्होंने बताया कि पंचक को भले ही अशुभ माना जाता है, लेकिन इस दौरान सगाई, विवाह आदि शुभ कार्य भी किए जाते हैं.

पंचक में क्या काम करना चाहिए?
यदि पंचक के दौरान कुछ विशेष योग बनें, जैसे धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद तथा रेवती नक्षत्र तो यात्रा करने, मुंडन कार्य और व्यापार के अहम काम किए जा सकते हैं.

पंचक में कौन से कार्य नहीं करने चाहिए?

  1. पंचक के दौरान चारपाई बनवाना शुभ नहीं माना जाता. ...
  2. पंचक के दौरान घास, लकड़ी, आदि जलने वाली वस्तुएं एकत्र नहीं करनी चाहिए. 
  3. दक्षिण दिशा में पंचकों के दौरान यात्रा नहीं करनी चाहिए. ...
  4. पंचक के दौरान घर की छत नहीं बनवानी चाहिए. ...
  5. शय्या का निर्माण पंचकों के दौरान नहीं करना चाहिए. 

पंचांग में किसी की मृत्यु हो जाए तो क्या होता है?
ऐसा माना जाता है कि यदि पंचक काल में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो इससे 24 महीने के भीतर कुल या परिवार के पांच लोगों की मृत्यु हो जाती है .

कब लगता है पंचक ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती पांच नक्षत्रों का योग बहुत ही अशुभ माना जाता है. हालांकि ज्योतिष शास्त्र में कुछ नक्षत्रों को बेहद अशुभ माना गया है, लेकिन उनमें कोई भी शुभ कार्य शुरू नहीं हो पाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब चंद्रमा कुम्भ और मीन राशि में गोचर करता है तो उसे पंचक कहते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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