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क्या है विनेश फोगाट के आरोपों की सच्चाई? WFI चीफ बृजभूषण को बचाने के लिए दिव्या काकरान ने लगाई PM Modi से गुहार, वीडियो

जतंर मंतर पर धरना देते हुए भारतीय महिला पहलवान ने रेसलिंग फेडरेशन के चीफ पर कई बड़े आरोप लगाए, जिसे दिव्या काकरान ने गलत बताया है.

क्या है विनेश फोगाट के आरोपों की सच्चाई? WFI चीफ बृजभूषण को बचाने के लिए दिव्या काकरान ने लगाई PM Modi से गुहार, वीडियो

Vinesh phogat made wrong allegations says wrester Divya Kakran invokes PM Modi to defend wfi brij bhushan

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डीएनए हिंदी: बुधवार को भारत के कुछ स्टार पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर जाकर धरना शुरू किया. उन्होंने आरोप रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) पर आरोप लगाया कि खिलाड़ियों के साथ उत्पीड़न हो रहा है और महिला पहलवानों का यौन शोषण किया जा रहा है. इस दौरान धरने में बजरंग पूनिया (Bajrang Punia), विनेश फोगाट (Vinesh Phogat), साक्षी मलिक (Sakshi Malik) और सरीता मोर (Sarita Mor) जैसे स्टार पहलवान उपस्थित थे. हालांकि कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पदक दिलाने वाले दिव्या काकरान (Divya Kakran) ने सबको हैरान करते हुए सभी आरोपों का गलत बताया है. 

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महिला पहलवान दिव्या काकरान ने कहा कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वह गलत हैं. पिछले दस साल से वह खुद पहलवानों के कैंप का हिस्सा रही हैं और कभी भी किसी के साथ बदसलूकी नहीं की गई. फेडरेशन ने भारतीय पहलवान को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं देने का काम किया गया है. आपको बता दें कि इससे पहले देश के करीब 30 पहलवान जंतर मंतर पर धरना देने पहुंचे. उन्होंने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए. लेकिन दिव्या काकरान ने सबको झूठलाते हुए पीएम मोदी से फेडरेशन के अध्यक्ष को बचाने की गुहार लगाई. 

दिव्या काकरान ने बुधवार शाम को ट्वीटर पर वीडियो शेयर कर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि वह पिछले एक दशक से कैंप में जा रही है, किसी भी पहलवान के उत्पीड़न की बात कभी भी सामने नहीं आई. पहले जब हम विदेश में जाते थे तो सुविधा नहीं मिलती थी, लेकिन अब खिलाड़ियों के लिए सुविधा बढ़ाई गई है. किसी का इस तरह अपमान नहीं किया जाना चाहिए. दिव्या ने कहा, "जब मेरी उम्र 14 साल की थी, तब से कैंप में जा रही हूं, लेकिन किसी भी खिलाड़ी के साथ गलत व्यवहार नहीं किया गया. वह छोटे राज्यों के खिलाड़ियों के साथ भी भेदभाव नहीं होने देते. 

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