Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Mohammed Shami: मोहम्मद शमी को 5 साल बाद कोर्ट से बड़ा झटका, पत्नी हसीन जहां को देना होगा गुजारा भत्ता

Mohammed Shami And Hasin Jahan: मोहम्मद शमी से विवाद के चलते हसीन जहां पिछले पांच साल से अपनी बेटी के साथ अलग रह रही हैं.

Mohammed Shami: मोहम्मद शमी को 5 साल बाद कोर्ट से बड़ा झटका, पत्नी हसीन जहां को देना होगा गुजारा भत्ता

मोहम्मद शमी को हसीन जहां को देना होगा गुजारा भत्ता

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami)  को पांच साल बाद कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोलकाता की अलीपुर कोर्ट ने सोमवार को मोहम्मद शमी को हर महीने अपनी पत्नी हसीन जहां (Hasin Jahan) को गुजारा भत्ता देने का आदेश सुनाया है. शमी (Shami) से विवाद के चलते हसीन जहां लंबे समय से अपनी बेटी के साथ अलग रह रही हैं. उन्होंने 2018 में कोर्ट में याचिका दायर गुजारा भत्ते की मांग की थी.

कोर्ट ने भारतीय गेंदबाज मोहम्मद शमी को उनकी अलग रह रही पत्नी हसीन जहां को हर महीने 1 लाख 30 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है. इस राशि में 50 हजार रुपये हसीन जहां के लिए गुजारा भत्ता होगा. वहीं, 80,000 रुपये उनकी बेटी के रखरखाव का खर्च होगा.

ये भी पढ़ें- Video: जयपुर में केंद्रीय मंत्री के सामने मंच पर छात्रसंघ अध्यक्ष को मारा थप्पड़, महारानी कॉलेज में बवाल

हसीन जहां ने थी 10 लाख गुजारा भत्ता की मांग
मोम्मद शमी से अलग होने के बाद 2018 में हसीन जहां ने 10 लाख रुपये के मासिक गुजारा भत्ता की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि वह व्यक्तिगत खर्च के लिए 7 लाख रुपये और अपनी बेटी की परवरिश के लिए 3 लाख रुपये प्रति महीना चाहती हैं.

ये भी पढ़ें-  'कौन शाहरुख खान, जब मैसेज आया तब' Shah Rukh Khan को लेकर फिर बोले असम सीएम  

हसीन जहां की वकील मृगांका मिस्त्री ने कोर्ट को सूचित किया कि 2020-21 के आयकर रिटर्न के अनुसार, मोम्मद शमी की वार्षिक आय 7 करोड़ रुपये से अधिक थी और उसी के आधार पर मासिक आय की मांग की. मृगांका मिस्त्री ने कहा कि 10 लाख का गुजारा भत्ता देना शमी के लिए ज्यादा नहीं है.

शमी के वकील ने किया ये दावा
वहीं, शमी के वकील सेलिम रहमान ने दावा किया कि हसीन जहां खुद एक फैशन मॉडल हैं. उनकी आय का स्रोत इतना है कि वह खुद गुजारा कर सकती हैं, इसलिए उनकी गुजारा भत्ता की मांग उचित नहीं है. कोर्ट ने दोनों तरफ से दलील सुनने के बाद आखिर में अपना फैसला सुनाया और मासिक गुजारा भत्ता की राशि 1.30 लाख रुपये तय कर दी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement