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Shiv Sena की लड़ाई में उद्धव ठाकरे ने चला बड़ा 'दांव', एकनाथ शिंदे को पार्टी के सभी पदों से हटाया

Uddhav Thackeray ने एकनाथ शिंदे को शिवसेना में सभी पदों से हटा दिया है. बगावत की वजह से उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के खिलाफ ये कार्रवाई की है.

Shiv Sena की लड़ाई में उद्धव ठाकरे ने चला बड़ा 'दांव', एकनाथ शिंदे को पार्टी के सभी पदों से हटाया

उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंद पर की कार्रवाई

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डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में शिवसेना पर किसका नियंत्रण होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है. लेकिन पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. उद्धव ने एकनाथ शिंदे को शिवसेना को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर शिवसेना में सभी पदों से हटा दिया है. उद्धव ने बयान जारी करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे अब शिवसेना के नेता नहीं हैं.

एकनाथ शिंदे के खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे समय की गई है जब उन्होंने 10 दिन पहले उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी जिसके चलते महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी. एक दिन पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले शिंदे को लिखे एक पत्र में ठाकरे ने उन पर "पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल" होने का आरोप लगाया. पत्र में कहा गया है कि शिंदे ने "स्वेच्छा से" पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है, इसलिए "शिवसेना पार्टी अध्यक्ष के रूप में मुझे प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मैं आपको पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के सभी पद से हटाता हूं.’

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30 जून को भेजा था पत्र
यह पत्र 30 जून का है, जिस दिन एकनाथ शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. शिवसेना, NCP और कांग्रेस की गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने वाले उद्धव ठाकरे ने 29 जून को मुख्यमंत्री पद से तब इस्तीफा दे दिया था जब सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा दिए गए शक्ति परीक्षण के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

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शिवसेना के 55 में से 39 विधायक एकनाथ शिंदे के खेमे का हिस्सा थे, यह स्पष्ट था कि सरकार अपना बहुमत खो चुकी थी. शिवसेना ने पहले 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी और शिंदे को विधानसभा में पार्टी के नेता के पद से हटा दिया था. दूसरी ओर शिंदे गुट ने दावा किया कि उनके पास बहुमत होने के कारण विधानसभा में असली शिवसेना उनका समूह है.

सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई को होगी सुनवाई
वहीं, उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उन 15 बागी विधायकों को विधानसभा से निलंबित किए जाने का अनुरोध करने वाली शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करेगा.

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