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Krishna से Sweety तक ये है भारत के सबसे कमजोर Passwords, हो जाएं Hacker से सतर्क

सिक्योरिटी सॉल्यूशंस कंपनी नॉर्डपास (NordPass) हर साल टॉप 200 मोस्ट कॉमन और मोस्ट वीक पासवर्ड्स की लिस्ट जारी करती है.

नॉर्डपास  द्वारी जारी की जाने वाली इस सूची में ऐसे पासवर्ड शामिल किए जाते हैं जिन्हें हैकर्स और साइबर अपराधी कुछ ही मिनटों में हैक कर सकते हैं. दुनिया के 10 सबसे कमजोर पासवर्ड्स की लिस्ट तो जारी की जा चुकी है, इसमें सबसे कमजोर पासवर्ड्स में Password और 123456 जैसे पासवर्ड हैं. हमने जानने की कोशिश की कि भारत में इस्तेमाल होने वाले सबसे कमजोर पासवर्ड कौन से हैं. तब सामने आए कुछ ऐसे नाम जिन्हें भारत में ज्यादातर लोग बतौर पासवर्ड इस्तेमाल करते हैं और हैकर ऐसे पासवर्ड्स को चुटकियों में हैक कर सकते हैं. आप भी जानें और सतर्क हो जाएं.

1.फर्नांडो कोरबेटो ने बनाया था पहला पासवर्ड

फर्नांडो कोरबेटो ने बनाया था पहला पासवर्ड
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इस सवाल का जवाब हमें ले जाता है कुछ हजार साल पहले फर्नांडो कोरबेटो नाम के एक कंप्यूटर साइंटिस्ट की दुनिया में. वो दुनिया जहां फर्नांडो बेहद शिद्दत से कंप्यूटर साइंस को डेवलेप करने में जुटे थे. सन् 1960 में एमआईटी यानी मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में काम करते हुए फर्नांडो ने इस इंस्टीट्यूट के अन्य शोधकर्ताओं के साथ मिलकर एक बड़ा टाइम शेयरिंग कंप्यूटर सीटीएसएस बनाया.



2.ये रही वजह

ये रही वजह
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फरनेन्डो के अनुसार बहुत सारे टर्मीनलों का इस्तेमाल बहुत सारे लोगों को करना था. इनमें हर एक का अपना निजी डाटा और फाइल्स थीं. इसलिए हर व्यक्ति का एक पासवर्ड रखना समस्या के सबसे सीधे और सरल उपाय के तौर पर सामने आया.



3.Rahul और Suresh

Rahul और Suresh
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'राहुल - नाम तो सुना होगा' ये डायलॉग तो भारत में मशहूर है ही,  8 हजार से ज्यादा लोगों ने इस नाम को पासवर्ड भी बनाया हुआ है. इस पासवर्ड को हैक करने में हैकर्स को 17 सेकेंड से भी कम का समय लगा. इस लिस्ट में सुरेश का भी नाम शामिल है. राहुल के मुकाबले तो यह मुश्किल है, लेकिन 2 मिनट में सुरेश नाम के पासवर्ड को भी हैक कर लिया गया. 



4.MIT के टाइम शेयरिंग सिस्टम पर बना था पहला पासवर्ड

MIT के टाइम शेयरिंग सिस्टम पर बना था पहला पासवर्ड
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अधिकतर जानकार मानते हैं कि पहला पासवर्ड एमआईटी के टाइम शेयरिंग सिस्टम के जरिए ही आया था. सीटीएसएस ने कंप्यूटर के इस्तेमाल से जुड़ी ऐसी बहुत सी चीजें बनाईं, जिनका आज हम इस्तेमाल करते हैं. इनमें ईमेल, मैसेजिंग, वर्चुअल मशीन और फाइल शेयर करना शामिल है.



5.जरूरी हो गए हैं पासवर्ड

जरूरी हो गए हैं पासवर्ड
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जानकारी आधारित सिस्टम में व्यक्ति को अपनी कुछ जानकारी सिस्टम में स्टोर करनी पड़ती थी. अधिकतर लोगों को ये तरीका काफी थकाउ और उबाउ लगा. इसलिए कंप्यूटर सिक्योरिटी के लिए पासवर्ड का तरीका अपनाया गया. तब से अब तक तकनीक बहुत बदल गई है, लेकिन सुरक्षा के लिए पासवर्ड का कॉन्सेप्ट आज भी वैसा ही है, हालांकि अब फिंगर प्रिंट्स से लेकर फेस डिटेक्शन तक की तकनीक आ गई है, लेकिन पासवर्ड्स एक अहम चीज आज भी हैं और शायद लंबे समय तक रहें.



6.Krishna और Sairam

Krishna और Sairam
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भगवान के नाम पर आधारित ये पासवर्ड भी काफी कमजोर साबित हुए. Krishna पासवर्ड को हैक करने में जहां 1 सेकेंड से भी कम समय लगा, वहीं Sairam पासवर्ड 2 मिनट में हैक हो गया. 



7.ऐसे थे शुरुआती पासवर्ड

ऐसे थे शुरुआती पासवर्ड
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कोरनेल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस प्रोफेसर फ्रेड स्केनीडर के अनुसार 60 के दशक से पहले कुछ और विकल्प भी थे. जैसे यूजर की निजी जानकारी से जुड़े सवाल. इसमें कंप्यूटर पासवर्ड की बजाय आपसे ऐसे सवाल पूछता है जिनके बारे में दूसरा कोई नहीं जानता होगा. मसलन आपकी नानी का नाम इत्यादि.



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