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दुनिया क्या कहे इससे कोई मतलब नहीं... महिला ने अबॉर्ट कराई 6 माह की प्रेग्नेंसी, कारण वाकई सीरियस है!

China में अपनी तरह का एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक 6 माह की गर्भवती महिला ने अपने Prenatal Test में पाया कि उसका होने वाला बच्चा XYY Syndrome से ग्रसित है. बच्चा इस सिंड्रोम के चलते आगे जाकर अपराधी न बने, महिला ने उसका अबॉर्शन करा दिया.

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दुनिया क्या कहे इससे कोई मतलब नहीं... महिला ने अबॉर्ट कराई 6 माह की प्रेग्नेंसी, कारण वाकई सीरियस है!

चीन में जो फैसला महिला ने लिया है वो हैरान कर देने वाला है 

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दुनिया का कोई भी कोना हो अबॉर्शन हमेशा ही डिबेट का एक बड़ा टॉपिक रहा है. समाज में कुछ लोग ऐसे हैं जो इसे सही मानते हैं तो वहीं ऐसे लोगों की भी कोई कमी नहीं है जिनका मानना है कि हमें किसी का जीवन (वो भी उसका जो अभी इस दुनिया में नहीं आया है.) छीनने का कोई हक़ नहीं है. ज्ञान और मॉरेलिटी की ये बातें एक तरफ हैं लेकिन दुनिया में लोगों के पास अनचाही प्रेग्नेंसी को अबॉर्ट कराने के अपने कारण हैं और कभी कभी ये कितने विचित्र होते हैं अगर इसे समझना हो तो हम चीन का रुख कर सकते हैं. 

चीन में एक महिला मां बनना चाहती थी लेकिन प्रेग्नेंट होने के 6 माह बाद ही उसने अपना अबॉर्शन करा लिया. सवाल होगा क्यों ? तो जवाब है प्रीनेटल चेकअप. जिसमें महिला को ये पता चला कि सके अजन्मे बच्चे में XYY सिंड्रोम है. ये एक ऐसी जेनेटिक कंडीशन है जिसे मनोवैज्ञानिक क्रिमिनल बिहेवियर से जोड़ कर देखते हैं. 

ध्यान रहे कि दुनिया में देश कोई भी हो तमाम लोग इस बात पर एकमत हैं कि ऐसी जेनेटिक कंडीशन वाले बच्चे गुस्सैल, हिंसक और अपराधिक प्रवृति के होते हैं. चीन के इस मामले में भी महिला का यही मानना था कि किसी क्रिमिनल को पैदा करने से बेहतर है कि उसे जन्म से पहले ही खत्म कर दिया जाए.

SCMP की रिपोर्ट के मुताबिक अभी बीते दिनों हीसाउथ वेस्ट चीन के सिचुआन की 6 महीने की प्रेग्नेंट जिउजिउ ने डॉयिन पर अपनी प्रीनेटल रिपोर्ट शेयर की. रिपोर्ट में लिखा था कि उसके बच्चे में जैकब सिंड्रोम होने की अत्यधिक संभावना है. डॉक्टर्स की मानें तो यह स्थिति बच्चे को एक अतिरिक्त Y क्रोमोजोम दे देती है. XYY सिंड्रोम एक जेनेटिक कंडीशन है जो विशेष रूप से पुरुषों में पाई जाती है.

दुनिया भर में जैकब सिंड्रोम पर कई शोध हुए हैं जिनमें ये माना गया है कि XYY सिंड्रोम वाले लोग ध्यान की कमी, हाइपर एक्टिविटी और इम्पल्सिव बिहेवियर वाले हो सकते हैं, लेकिन ऐसे लोग हमेशा आक्रामक या मनोरोगी हों बिलकुल भी जरूरी नहीं है.

बहरहाल रिपोर्ट शेयर करने के फ़ौरन बाद जिउजिउ की पोस्ट पर रिएक्शंस की झड़ी लग गई.  प्रतिक्रिया में अधिकतर लोगों ने महिला के अबॉर्शन के इस फैसले को वक्त की जरूरत ठहराया और इसे बॉर्न ईविल कहा है.

रिएक्शंस में लोगों का कहना है कि XYY सिंड्रोम वाले बच्चों में आपराधिक व्यवहार की प्रवृत्ति अधिक होती है और वे अक्सर हिंसा का सहारा लेते हैं. इन बातों के विपरीत डॉक्टर्स मानते हैं कि जैकब सिंड्रोम से ग्रसित बच्चा बड़ा होकर अपराधी बने ये बिलकुल भी जरूरी नहीं है.

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