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भारत के चिल्ड्रन होम से जुदा हुए भाई-बहन, 42 साल बाद फिल्मी अंदाज में हुई मुलाकात

Trending News: कोयम्बटूर से साल 1979 में जुदा हुए दो भाई-बहन भारत से हजारों किलोमीटर दूर फिर से मिल गए हैं. ये दोनों 42 साल बाद मिले.

भारत के चिल्ड्रन होम से जुदा हुए भाई-बहन, 42 साल बाद फिल्मी अंदाज में हुई मुलाकात

42 साल बाद मिले राजकुमार और विजया

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डीएनए हिंदी: आपने कई ऐसी बॉलीवुड फिल्में देखी होंगी जिनमें दो भाई बचपन में बिछड़ जाते हैं. समय बितता है, दोनों एक दूसरे को भूल जाते हैं लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर होता है. किस्मत उन्हें एकबार फिर से मिला देती है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है सात समंदर पार से, जहां 42 साल पहले जुदा हुए दो भाई-बहन फिर से मिल गए हैं. इस कहानी में मजेदार बात यह है कि ये दोनों भाई बहन हमारे देश से ही संबंध रखते हैं.

दरअसल यह कहानी शुरू होती है साल 1979 में दक्षिण भारत के शहर कोयम्बटूर से. यहां रहने वाले एक पति-पत्नी अपने दोनों बच्चों विजया और राजकुमार को शहर में चल रहे 'ब्लू माउंटेन' नाम के एक चिल्ड्रन होम में छोड़ देते हैं. दोनों भाई कुल साल तक इसी चिल्ड्रन होम में रहते हैं. इसके बाद डेनमार्क का एक दंपत्ति राजकुमार को गोद ले लेता है. उनकी बहन विजया को भी अमेरिका का एक दंपत्ति गोद ले लेता है. दोनों भाई-बहन अलग हो जाते हैं. नए माता-पिता दोनों के नाम भी बदल देते है. राजकुमार को कैस्पर नाम दिया जाता है और विजया का नाम डाएन हो जाता है.

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अब दोनों भाई बहन के ऊपर एक डॉक्यूमेंट्री शूट हुई है. इस डॉक्यूमेंट्री में दोनों भाई-बहन ने अपनी पूरी कहानी को बताया है. राजकुमार ने बताया कि जब वो बड़े हो रहे थे तभी उन्हें यह आभास हो गया था कि वह यूरोपियन परिवार के सगे सदस्य नहीं है. उन्होंने दो भारत की यात्रा की और उस चिल्ड्रन होम में भी गए जहां उनका बचपन बीता था लेकिन यह बंद हो चुका था.

कैसे मिले भाई-बहन
अपने परिवार की तलाश में राजकुमार ने एक डीएनए सैंपल इकट्ठा करने वाली कैंपनी को अपना डीएनए सैंपल दिया हुआ था. एक दिन माइकल नाम के एक शख्स का उन्हें कॉल आता है. माइकल राजुकमार को बताते हैं कि उन दोनों का सैंपल काफी मैच करता है. दरअसल माइकल राजकुमार की बहन विजया के बेटे हैं. माइकल ने भी डीएनए कंपनी को अपना सैंपल दिया था. इसके बाद माइकल अपने मां को भी यह खबर देते हैं.

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इसके बाद साल 2019 में आज के कैस्पर और डाएन पहली बार बात करते हैं. दोनों भाई बहन मिलने की प्लानिंग भी करते हैं लेकिन तब तक कोरोना वायरस धरती पर आ जाता है. लेकिन सब सामान्य होने के बाद दोनों भाई-बहनों ने इस साल की शुरुआत में पहली बार मुलाकात की. अब दोनों भाई-बहन लगातार संपर्क में हैं और दोनों ने यह तय किया है कि अब वो भारत में अपने रिश्तेदारों को भी खोजेंगे.

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