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VVIP Number: 90 हजार रुपये की स्कूटी, रजिस्ट्रेशन नंबर की बोली 1 करोड़, जानिए क्या है इसके पीछे खेल

CM Sukhwinder Singh Sukkhu ने भी हिमाचल प्रदेश में व्हीकल नंबर HP99-9999 के लिए 1.12 करोड़ रुपये की बोली लगने के मामले में पूछताछ की है.

VVIP Number: 90 हजार रुपये की स्कूटी, रजिस्ट्रेशन नंबर की बोली 1 करोड़, जानिए क्या है इसके पीछे खेल

Himachal Pradesh में स्कूटी रजिस्ट्रेशन नंबर की बोली बृहस्पतिवार शाम को इस आंकड़े तक पहुंच चुकी थी.

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डीएनए हिंदी: Himachal Pradesh News- हिमाचल प्रदेश में बृहस्पतिवार को एक व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ऑनलाइन बोली लगा दी गई. खास बात ये है कि यह बोली लगाने वाले ने इसे अपनी 90 हजार रुपये की स्कूटी के लिए खरीदने की पेशकश की है. इसके बाद व्हीकल नंबर HP99-9999 सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस नंबर के लिए आई बोली इतनी बड़ी है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukkhu) को भी इसके बारे में परिवहन निदेशालय से पूछताछ करनी पड़ी है. माना जा रहा है कि इतनी बड़ी बोली लगाने के पीछे एकतरह का खेल है, जिसके जरिये यह नंबर महज कुछ हजार रुपये में हथिया लिया जाएगा. आइए आपको बताते हैं कि कैसे होता है VVIP नंबर की बोलियों में इस तरह का खेल.

पहले जान लेते हैं क्या है पूरा मामला

हिमाचल प्रदेश में रोहड़ और कोटखाई को हाल ही में नई RTO सब डिविजन बनाया गया है. इन सब डिविजन को व्हीकल रजिस्ट्रेशन के लिए HP75 और HP99 सीरीज अलॉट की गई है. कोटखाई की सीरीज में एक VVIP नंबर HP99-9999 आने वाला है. केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के नियमों के हिसाब से ऐसे वीवीआईपी नंबरों का अलॉटमेंट ऑनलाइन बिड के जरिये किया जाता है. इस कारण Hp99-9999 नंबर के लिए भी ऑनलाइन बिड लगाई गई. बृहस्पतिवार शाम तक इस नंबर के लिए 26 लोगों ने बोली लगाई थी, जिनमें सबसे बड़ी बोली 1.12 करोड़ रुपये की लगाई गई है. यह बोली महज 90 हजार रुपये की स्कूटी के लिए लगाई गई है. ऐसे में लोग हैरान हैं कि व्हीकल की कीमत से 100 गुना ज्यादा कीमत वाला रजिस्ट्रेशन नंबर कोई क्यों खरीदने के तैयार है? यही वो सवाल है जो इस बोली के पीछे कोई खेल होने का शक पैदा कर रहा है.

क्या हो सकता है इतनी बड़ी बोली के पीछे खेल

माना जा रहा है कि 1.12 करोड़ रुपये की ऑनलाइन बोली के पीछे इस नंबर को सस्ते दाम पर छुड़वा लेने का खेल हो सकता है. दरअसल, इसके लिए कुछ लोग ऑनलाइन बोली के नियमों का लाभ उठाकर सिंडिकेट बनाकर खेल करते हैं. ऐसे लोग लगातार बोली को बढ़ाते हुए ऐसी रकम पर पहुंचा देते हैं, जहां शायद ही कोई उससे बड़ी बोली लगाने को तैयार होता है. इसके बाद दूसरी बोली कुछ हजार रुपये की ही लगाई जाती है. सबसे बड़ी बोली लगाने वाला आदमी तय अवधि खत्म होने से ठीक पहले अपनी बोली वापस ले लेता है. ऐसे में मंत्रालय के नियमों के हिसाब से वह रजिस्ट्रेशन नंबर दूसरी सबसे बड़ी बोली वाले को अलॉट करना पड़ता है. भले ही दोनों बोलियों में लाखों रुपये का अंतर आ रहा हो. इस 1 करोड़ रुपये की बोली के पीछे भी ऐसा ही खेल माना जा रहा है. हालांकि इसका खुलासा शुक्रवार को ही हो पाएगा.

शुक्रवार शाम को खुलेगा बोली के विजेता का नाम

व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर की 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की यह बोली फर्जी है या सच में किसी ने इतनी बड़ी बोली लगा दी है. इस सवाल का उत्तर शुक्रवार शाम 5 बजे मिलेगा, जब बोली लगाने का समय खत्म हो जाएगा और मंत्रालय नंबर अलॉटमेंट पाने वाले का नाम व उसकी बोली की रकम घोषित करेगा. 

सीएम की नजर भी इसी बात पर

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी इस पूरे मामले के पीछे किसी तरह का खेल ही लग रहा है. इसी कारण उन्होंने परिवहन निदेशालय से पूरी जानकारी तलब की है. माना जा रहा है कि यदि शुक्रवार को नंबर अलॉटमेंट में कोई खेल सामने आया तो मुख्यमंत्री इसकी जांच कराने का फैसला ले सकते हैं और आगे के लिए ऑनलाइन बोली लगाने के नियमों में भी बदलाव किया जा सकता है. 

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