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Airplane गुजरने के बाद आसमान में क्यों बन जाती हैं सफेद लाइनें? धुआं नहीं कुछ और है वजह

आपने अपने जीवन में कई हवाई जहाजों को उड़ते हुए देखा होगा.

इस दौरान आपने ये भी देखा होगा कि उड़ते हुए हवाई जहाजों के पीछे सफेद रंग की लकीरें बनती चली जाती हैं लेकिन क्या आपने कभी इसकी वजह जानने की कोशिश की है? अधिकतर लोगों का मानना है कि ये लकीरें हवाई जहाज से निकलने वाला धुआं होता है, हालांकि ऐसा नहीं है. फिर ये क्या होती हैं? आइए जानते हैं इनके बारे में-
 

1.क्यों बनती हैं ये लकीरें?

क्यों बनती हैं ये लकीरें?
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NASA की एक रिपोर्ट के अनुसार, 'आसमान में बनने वाली इस सफेद लकीर को कंट्रेल्स कहते हैं. दरअसल, कंट्रेल्स भी बादल ही होते हैं लेकिन आम बादलों से अलग ये केवल हवाई जहाज या रॉकेट के गुजरने के बाद ही बनते हैं.
 



2.कैसे बनते हैं कंट्रेल्स?

कैसे बनते हैं कंट्रेल्स?
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रिपोर्ट कहती है कि इस तरह के बादल उस स्थिति में बनते हैं जब जहाज जमीन से करीब 8 किलोमीटर ऊपर और -40 डिग्री सेल्सियस में उड़ रहा हो. हवाई जहाज या रॉकेट के एग्जॉस्ट से एरोसॉल्स (एक तरह का धुआं) ​निकलते हैं. वहीं, जब आसमान की नमी इन एरोसॉल्स से साथ जम जाती है तो कंट्रेल्स बनते हैं.
 



3.नमी है कारण

नमी है कारण
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हालांकि ये कंट्रेल्स कुछ समय बाद गायब भी हो जाते हैं. आपने भी देखा होगा कि जैसे ही जहाज गुजरता है तो ये थोड़ी देर तक ही दिखाई देते हैं, उसके बाद लुप्त हो जाते हैं. इनके बनने की वजह हवा में मौजूद नमी होती है.
 



4.जरूरी नहीं कि विमान वहीं से गुजरा हो

जरूरी नहीं कि विमान वहीं से गुजरा हो
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बता दें कि कई बार आसमान की इतनी ऊंचाई पर तेज हवा की वजह से कंट्रेल्स अपनी जगह से खिसक जाते हैं. ऐसे में यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि वो वहीं दिखे जहां से विमान गुजरा था.
 



5.सबसे पहले कहां आए थे नजर?

सबसे पहले कहां आए थे नजर?
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यह कंट्रेल्स सबसे पहले सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान 1920 में देखे गए थे. उस वक्त भी ये दूर से ही सबकी नजरों में आ जाते थे जिसके चलते लड़ाकू पायलट पकड़ में आने से बच जाते थे. बल्कि कई खबरें आई थीं कि धुएं के कारण कई विमान आपस में टकरा गए क्योंकि उन्हें कुछ दिख नहीं रहा था.
 



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