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'PM पद से हट जाएं, वरना जला देंगे...' बांग्लादेश में फिर सुलग उठी हिंसा की चिंगारी, अब तक 93 की मौत

Bangladesh Violence News: बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर विवाद शुरू हुआ था. जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले सैनिकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था.

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भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंसा थम नहीं रही है. प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर आंदोलकारी छात्र रविवार को सड़कों पर उतर आए. इस बीच प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थकों बीच हुई हिंसक झड़प में 93 लोगों की मौत हो गई, जबकि सैंकड़ों लोग घायल हो गए. हजारों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है.

जानकारी के मुताबिक, पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी एक असहयोग कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे. अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया. इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच भिड़ंत हो गई. बांग्लादेश के 13 जिलों में हुई हिंसक झड़पों में अब तक 32 लोग मारे जा चुके हैं. गृह मंत्रालय ने रविवार शाम 6 बजे से देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है. 

सोशल मीडिया पर रोक
सरकार ने साथ ही फेसबुक, मैसेंजर, व्हॉट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म को बंद करने का आदेश दिया है.  मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडरों को 4जी इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया गया है. स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन प्लेटफॉर्म ने सरकार के इस्तीफे की एक सूत्री मांग के साथ आज से पूर्ण असहयोग आंदोलन का आह्वान किया.

इस बीच प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि विरोध के नाम पर बांग्लादेश में तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र, नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और उन्होंने जनता से ऐसे लोगों से सख्ती से निपटने को कहा. उन्होंने कहा, ‘मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि इन आतंकियों से सख्ती से निपटा जाए.’ पीएम शेख हसीना ने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई. बैठक में सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), बांग्लादेश सीमा गार्ड (बीजीबी) के प्रमुखों और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया.


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यह बैठक ऐसे समय में हुई जब देश के कई हिस्सों में हिंसा फिर से फैलती जा रही है. विरोध प्रदर्शन के चलते ढाका की ज्यादा दुकानें और मॉल बंद रहे. सैकड़ों छात्र और कामकाजी लोग ढाका के शाहबाग में एकत्र हो गए हैं, जिससे यातायात जाम हो गया. प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की और आरक्षण में सुधार को लेकर हाल में हुए विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए. प्रदर्शनकारी असहयोग आंदोलन के पहले दिन राजधानी के साइंस लैब चौराहे पर भी एकत्र हुए और उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाए.

पहले हुई थी 200 लोगों की मौत
बांग्लादेश में हाल में पुलिस और मुख्य रूप से छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें देखने को मिली थीं, जिसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था. (इनपुट- PTI)

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