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China नहीं अब यूरोप और अमेरिका से मदद की आस में है पाकिस्तान? जानिए क्या कहता है जनरल बाजवा का ब्रिटेन दौरा

General Qamar Javed Bajwa Sandhurst Visit: पाकिस्तान की आर्मी के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के सैंडहर्स्ट दौरे के बाद यह कहा जा रहा है कि अब पाकिस्तान चीन के बजाय यूरोपीय देशों से मदद की उम्मीद लगा रहा है.

China नहीं अब यूरोप और अमेरिका से मदद की आस में है पाकिस्तान? जानिए क्या कहता है जनरल बाजवा का ब्रिटेन दौरा

रॉयल मिलिट्री एकेडमी गए थे जनरल बाजवा

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डीएनए हिंदी: हाल ही में पाकिस्तान की सेना के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) ने ब्रिटेन की रॉयल मिलिट्री एकेडमी (Royal Military Academy), सैंडहर्स्ट का दौरा किया. आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के इस कदम को पश्चिमी देशों से नजदीकी बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. साथ ही, यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान अपनी रणनीति में बदलाव कर रहा है और अब वह चीन के बजाय अमेरिका और यूरोप के देशों से अपने संबंध सुधारने की दिशा में काम कर रहा है.

जनरल बाजवा पाकिस्तान सेना के ऐसे पहले चीफ हैं जिन्हें रॉयल मिलिट्री एकेडमी की पासिंग आउट परेड में सम्मानित किया गया है. कहा जा रहा है कि उन्होंने ब्रिटेन के शीर्ष अधिकारियों और नेताओं से भी मुलाकात की. आपको बता दें कि पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे में उसे चीन से मदद की उम्मीद थी लेकिन चीन ने अब अपने हाथ खड़े कर दिए हैं.

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पाकिस्तान को पैसे नहीं दे रहा चीन
इससे पहले, चीन ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर यानी CPEC के नाम पर पाकिस्तान में जमकर पैसा बहाया लेकिन इससे पाकिस्तान की आर्थिक हालत नहीं सुधर सकी. लिहाजा, चीन ने अब अपनी सारी फंडिंग रोक दी है. दूसरी तरफ, पाकिस्तान भी देख रहा है कि चीन के निवेश वाले श्रीलंका का क्या हाल हुआ और वह कैसे कर्ज के जाल में फंसता चला गया. पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार जाने के बाद ही जनरल बाजवा ने कहा था कि उनका देश पश्चिमी देशों से संबंध बेहतर करने की दिशा में काम करेगा.

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एक तरफ पाकिस्तान अपने देश की आंतरिक समस्याओं से जूझ रहा है, दूरी ओर आतंकी संगठनों का समर्थन करने की वजह से पश्चिमी देशों ने उस पर कई आर्थिक प्रतिबंध भी लगा रखे हैं. ऐसे में अब उसके लिए अच्छा रास्ता यही है कि वह पश्चिमी देशों से अपने संबंध बेहतर करे और चीन से अपने रिश्तों को भी संतुलित करे. हाल ही में IMF ने पाकिस्तान के साथ 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बेल आउट पैकेज को रिन्यू करने का समझौता किया लेकिन इस साल की शुरुआत से अब तक सिर्फ़ 1 बिलियन डॉलर की ही किश्त जारी हो सकी है.

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