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पोलैंड पर हमला साबित होगा रूस के ताबूत की आखिरी कील? क्या कहता है NATO का चार्टर

Russian Missiles Attack on Poland: यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान एक रूसी मिसाइस पोलैंड के क्षेत्र में जा गिरा, जिससे दो लोगों की मौत हो गई है.

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पोलैंड पर हमला साबित होगा रूस के ताबूत की आखिरी कील? क्या कहता है NATO का चार्टर

Vladimir Putin : व्लादिमीर पुतिन

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डीएनए हिंदी: यूक्रेन की सीमा से लगे पोलैंड के शहर प्रेजवोडो में मंगलवार को हुए विस्फोटों में दो लोगों की मौत हो गई. यह घटना यूक्रेनी क्षेत्र पर भारी रूसी हमलों के दौरान हुई लेकिन यह स्पष्ट नहीं कि पोलैंड पर किया गया हमला रूस ने जानबूझकर किया है या नहीं! पोलैंड उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) का सदस्य है. अब पोलैंड पर हमला रूस और यूक्रेन युद्ध में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है. पोलैंड पर हमले के बाद नाटो के आर्टिकल 4 और आर्टिकल 5 की चर्चा होने लगी है.

हालांकि, अधिकारी अभी भी विस्फोट के कारणों की जांच कर रहे हैं. घटना की खबर ने तुरंत बाद नाटो के आर्टिकल 5 के बारे में अटकलों को जन्म दिया. आर्टिकल 5 में कहा गया है, "यूरोप या उत्तरी अमेरिका में एक या अधिक सदस्य देशों के खिलाफ एक सशस्त्र हमला उन सभी के खिलाफ एक हमला माना जाएगा और इसकी प्रतिक्रिया में बल का इस्तेमाल किया जा सकता है."

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यदि पोलैंड के ऊपर यह जानबूझकर किया गया रूसी हमला है तो यह स्पष्ट रूप से आर्टिकल 5 को लागू करने के लिए सदस्य देशों को उकसा सकता है. हालांकि, पोलिश अधिकारियों ने अभी तक इस तरह के कोई विवरण नहीं दिया. अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारियों ने मंगलवार शाम को जोर देकर कहा कि वे अभी भी जानकारी एकत्र कर रहे हैं और सहयोगियों के बीच बातचीत कर रहे हैं.

इस बारे में भी अधिक संभावना है कि नाटो संस्थापक संधि के आर्टिकल 4 को भी लागू कर सकता है. नाटो चार्टर के आर्टिकल 4 में कहा गया है कि सदस्य राज्यों की राय में किसी अन्य सदस्य की क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता या सुरक्षा पर खतरा होगा तो वे एक साथ परामर्श करेंगे. आर्टिकल 4 के मुताबिक नाटो इस हमले के बारे में चर्चा करेगा.

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उधर नाटो महासचिव जेन स्टोलटेनबर्ग के एक प्रवक्ता ओना लुंगेस्कु ने कहा कि वह ब्रसेल्स में बुधवार सुबह इस दुखद घटना पर चर्चा करने के लिए गठबंधन के राजदूतों की एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे. 30 सदस्य देशों के राजदूतों की नाटो की आम तौर पर बुधवार को बैठक होती है. स्टोलटेनबर्ग ने सत्र को एक आपातकालीन एजेंडा के रूप में निर्धारित किया है.

कब-कब किया गया है आर्टिकल 4 का पालन?

1949 में नाटो की स्थापना के बाद से अनुच्छेद 4 को सात बार लागू किया गया है. हाल ही में, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, बुल्गारिया, चेक गणराज्य, एस्टोनिया, रोमानिया और स्लोवाकिया ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद बैठकें आयोजित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया.

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यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है, लेकिन गठबंधन में शामिल होने में उसकी खुली दिलचस्पी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को नाराज कर दिया था.

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