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USA vs China: आतंकवाद पालने वाले पाकिस्तान को मिला चीन का समर्थन, अमेरिका ने ड्रैगन को सुनाई खरी-खरी

USA-India Relationship: अमेरिका लंबे वक्त से चीन को दक्षिण एशिया में कमजोर करने के लिए भारत के साथ मिलकर आक्रामक हो गया है.

USA vs China: आतंकवाद पालने वाले पाकिस्तान को मिला चीन का समर्थन, अमेरिका ने ड्रैगन को सुनाई खरी-खरी
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डीएनए हिंदी: भारत विरोधी पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ जब भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कार्रवाई की बात आती है तो पाकिस्तान का समर्थन करने की नीति के तहत चीन हमेशा ही वीटो पावर का इस्तेमाल करता है. इस मुद्दे पर अब चीन को अमेरिका (China vs USA) ने इशारों में सबक सिखाते हुए कहा है कि आतंकवाद के मुद्दे पर सभी देशों को साथ खड़े होना चाहिए.

दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल ही में कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 सूची के तहत आतंकवादियों को नामित करने के प्रस्ताव का सभी संबंधित पक्षों को समर्थन करना चाहिए. किसी भी देश को इसके बीच में नहीं आना चाहिए." 

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मुंबई हमले से जुड़े कार्यक्रम में एंटनी ब्लिंकन मुखर

गौरतलब है कि मुंबई में सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति की एक विशेष बैठक में चलाए गए एक रिकॉर्डेड संदेश में एंटनी ब्लिंकन ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश देते हुए कहा है कि नवंबर 2008 में मुंबई में इस आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों में छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे. इस दौरान हमले में मारे गए लोगों को उन्होंने श्रद्धांजलि भी दी. 

एंटनी ब्लिंकन ने रिकॉर्डेड बयान में कहा, "हम भारत एवं उन सभी देशों के लोगों के साथ खड़े हैं जिनके नागरिकों ने उस दिन अपनी जान गंवायी लेकिन हमें शोक मनाने से ज्यादा कुछ करना होगा. पीड़ितों और हर जगह के लोगों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है कि हम मुंबई में हुए आंतकी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में खड़ा करें."

14 साल से साथ काम कर रहे भारत-अमेरिका

आतंकवाद के मुद्दे पर बात करते हुए एंटनी ब्लिंकन ने कहा, "यही कारण है कि संयुक्त राज्य अमेरिका पिछले 14 वर्षों से भारत और अन्य भागीदारों के साथ काम कर रहा है. जब तक हम इन हमलों के साजिशकर्ताओं को सज़ा नहीं देंगे, तब तक हर जगह आतंकवादियों को यह संदेश जाएगा कि उनके जघन्य अपराधों को सहन किया जाएगा." ब्लिंकन ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका सहित सुरक्षा परिषद के कई सदस्यों ने इन हमलों के पीछे आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंधों लगाया है."

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चीन को क्यों चुभेगा बयान?

एंटनी ब्लिंकन ने अपनी बात कई बार दोहराते हुए कहा कि जब वैश्विक स्तर पर आतंकवादी या उससे जुड़े संगठन पर कार्रवाई की बात हो तो किसी भी देश को इस मुद्दे पर अलग-अलग राय रखने के बजाए एक साथ आ जाना चाहिए. अहम बात यह है कि यह बयान चीन के लिए सबसे ज्यादा चिढ़न वाला है क्योंकि चीन ही पाक पोषित आतंकियों के वैश्विक आतंकी घोषित होने वाले प्रस्तावों का विरोध करता रहा है. 

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