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मांस और दवा के लिए पाकिस्तानी गधों और कुत्तों का आयात करना चाहता है चीन

Pakistani Donkey: आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान के लिए खुशखबरी है. चीन ने उसके गधों और कुत्तों में दिलचस्पी दिखाई है. चीन गधों की खाल से दवा बनाता है

मांस और दवा के लिए पाकिस्तानी गधों और कुत्तों का आयात करना चाहता है चीन

पाकिस्तानी गधा

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डीएनए हिन्दी: पाकिस्तान (Pakistan) इन दिनों मुश्किल हालातों से गुजर रहा है. एक तरफ राजनीतिक अस्थिरता है तो दूसरी तरफ महंगाई अपने चरम पर है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी लगभग खाली है. लेकिन, इन तमाम निराशा भरी खबरों के बीच पाकिस्तान के लिए खुशखबरी भी है. खबर है कि चीन (China) ने पाकिस्तानी गधों (Donkey) में अपनी दिलचस्पी दिखाई है. ऐसे में पाकिस्तानी हुक्मरानों को उम्मीद है कि इन गधों के भरोसे देश के आर्थिक हालात बेहतर होंगे. 

पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा कि देश अभी विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से जूझ रहा है. हम एक बड़े आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में हमारे सदाबहार दोस्त चीन ने पाकिस्तानी गधों और कुत्तों में दिलचस्पी दिखाई है. चीन गधों (Donkey) और कुत्तों (Dogs) का मुख्य आयातक देश है और अब वह पाकिस्तान से गधे और कुत्ते आयात करना चाहता है. 

बताया जा रहा है कि चीन पहले गधों का आयात अफगानिस्तान से करता था. लेकिन, वहां लंपी वायरस की वजह से फिलहाल उसे रोक दिया गया है. ऐसे में पाकिस्तान के पास मौका है कि वह चीन को गधों की सप्लाई कर अपनी आर्थिक हालात में कुछ सुधार कर सके. 

यह भी पढ़ें: जानें, कैसे 10 सालों में शी जिंगपिंग ने चीन में सिविल सोसायटी को कुचल डाला

पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार चीन के इस अनुरोध को मान लेती है तो इससे कई फायदे होंगे. सरकार को विदेशी मुद्रा मिलेगी वहीं गांवों में रहने वाले लोगों के आर्थिक हालात सुधरेंगे. साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर आयात लंबे समय तक चलता है तो हमें गधों की नस्ल सुधारने का भी मौका मिलेगा. 

बताया जा रहा है कि चीन न सिर्फ गधों के मांस के उपयोग करता है बल्कि उसकी खाल से ट्रेडिशनल दवा भी बनाता है. साथ ही कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में भी उसका उपयोग करता है. कुत्तों का मांस चीन में पहले से ही खाया जाता है.

एक एक्सपर्ट ने बताया कि चीन में गधों की खाल से ईजाओ (Eijao) नाम की दवा बनाई जाती है. साथ की कुछ और दवाइयां भी बनाई जाती हैं. ये दवाइयां बेहद महंगी होती हैं. ये दवाइयां हजारों साल से चीन में बनती आ रही हैं. इनका उपयोग शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए किया जाता है. साथ ही इससे कुछ क्रीम भी बनाई जाती है, जो चेहरे की झुर्रियां हटाने में मदद करती हैं.

कैसे बनाई जाती है दवा?

ईजाओ दवा बनाने की प्रक्रिया बेहद ही अमानवीय है. बताया जा रहा है कि गधों के पैर बांध कर उन्हें जमीन पर सुला दिया जाता है. फिर सिर पर हथौड़ा मारकर उन्हें धीमी और बेहद दर्दनाक मौत दी जाती है. जब धीरे-धीरे तड़पकर गधे मर जाते हैं तो उनकी खाल उतारकर ईजाओ दवा बनाई जाती है.

दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान दुनिया का तीसरा ऐसा देश है जिसके पास सबसे अधिक गधे हैं.

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