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लाखों अफगानियों को देश छोड़ने पर मजबूर कर रहा है पाकिस्तान, जानिए वजह

सरकार ने अवैध प्रवासियों को छोड़ने के लिए 31 अक्टूबर की समय सीमा दी थी. जिसकी वजह से बड़ी संख्या में अफगानी पाकिस्तान में अपना घर-बार छोड़ वापस जाने को मजबूर हैं.

लाखों अफगानियों को देश छोड़ने पर मजबूर कर रहा है पाकिस्तान, जानिए वजह

Pakistan is expelling Afghans

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डीएनए हिंदी: पाकिस्तान की सरकार ने अवैध तरीके से रह रहे अफगानियों को 31 अक्टूबर तक देश छोड़ने की मोहलत दी थी. अब भी जो अफगान पाकिस्तान में रह रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जा रही है. अवैध तरीके से रह रहे लोगों को सरकार गिरफ्तार कर रही है. देश छोड़ने का आदेश आने से पहले पाकिस्तान में करीब 17 लाख अफगान शरणार्थी रह रहे थे. कई अफगान नागरिक दशकों से पाकिस्तान में रह रहे हैं, जो वर्षों के संघर्ष के बीच पड़ोसी देश से भागकर आए थे. कुछ परिवार पिछले दो महीनों में वापस अपने देश जा भी चुके हैं और अब भी बड़ी संख्या में अफगानी पाकिस्तान में अपना घर-बार छोड़ वापस जाने को मजबूर हैं. ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि लाखों अफगानियों को देश छोड़ने पर पाकिस्तान मजबूर क्यों कर रहा है. 

इसी साल सितंबर में पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने वहां के गृह मंत्रालय के हवाले से ये लिखा था कि इस साल देश में फिदायीन हमलों की तादाद में वृद्धि हुई है. जब ज्यादातर मामलों की जांच हुई तो उसमें ये पाया गया कि इन हमलों में अफगान नागरिक भी शामिल हैं. इसके सबूत सरकार ने आम लोगों को नहीं दिए हैं लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर हुई एक्शन कमिटी की बैठकों में अफगान नागरिकों की वापसी से संबंधित कई फैसले लिए गए थे. कुछ अफगानी प्रवासी दशकों से पाकिस्तान में रह रहे हैं, ऐसे में उनकी बहुत सारी यादें इस मुल्क से जुड़ी हुई हैं. 

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अफगानियों को देश क्यों निकाल रहा है पकिस्तान?

पाकिस्तान सरकार ने अफगान प्रवासियों पर आतंकवादी हमलों और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे संगठित अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया है. पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि अफगान नागरिक सरकार और सेना के खिलाफ हमलों में शामिल पाए गए थे, जिनमें इस साल के 24 आत्मघाती बम विस्फोटों में से 14 शामिल हैं. पाकिस्तान के प्रभारी केंद्रीय मंत्री सरफराज बुगती की माने तो पाकिस्तान में लगभग 17 लाख अफगान गैर कानूनी तौर पर रह रहे हैं. इन अफगान नागरिकों के पास पाकिस्तान में रहने के कागजात नहीं हैं. वहीं संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था की मानें तो पाकिस्तान में विभिन्न संस्थाओं से रजिस्टर्ड अफगान नागरिकों की संख्या लगभग 31 लाख है.

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पाकिस्तान से नाराज है तालिबान सरकार 

अफगान अंतरिम सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान सरकार के फैसले को अस्वीकार्य करार दिया. उन्होंने पाकिस्तान सरकार से अफगान शरणार्थियों के निष्कासन के संबंध में अपनी नीति पर पुनर्विचार करने और शरणार्थियों के स्वेच्छा से चले जाने तक कार्रवाई न करने की अपील की है.  तालिबान सरकार पाकिस्तान के इस फैसले से नाराजगी जताते हुए कहा कि अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान से निकालने का फैसला स्वीकार योग्य नहीं है. उन्होंने पाकिस्तान के इस स्टैंड को भी गलत बताया कि पाकिस्तान में रह रहे अफगानी शरणार्थी गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल हैं. 

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