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Uyghur Muslims In China: कौन हैं उइगर मुसलमान जिन्हें चीन के राष्ट्रपति ने कहा, 'चीन के कम्युनिस्ट मूल्यों के अनुसार हो इस्लाम'

Uyghur Muslims In China: चीन में उइगर (वीगर) मुस्लिमों पर अत्याचार की खबरें अक्सर ही आती रहती हैं. रविवार को ऐसी खबर आई है कि चीन के शिनजियांग प्रांत के दौरे पर पहुंचे राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुसलमानों को राष्ट्र और कम्युनिस्ट पार्टी के लिए निष्ठावान रहने की हिदायत दी है.

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने देश के मुसलमानों के लिए सख्ती से कुछ हिदायतें जारी की हैं. चीन में रहने वाले करीब 10 मिलियन (1 करोड़) से ज्यादा उइगर मुसलमानों के लिए सरकार ने निर्देश जारी किया है. उन्हें राष्ट्रवादी बनने और कम्युनिस्ट पार्टी के लिए निष्ठावान रहने की हिदायत दी गई है. उइगर या वीगर मुसलमानों पर होने वाले अत्याचार की संयुक्त राष्ट्र समेत कई और मानवाधिकार संगठन आलोचना कर चुके हैं. अक्सर ऐसी खबरें आती रहती हैं कि चीन में सरकार अल्पसंख्यक मुसलमानों को कई तरह से प्रताड़ित करती है. कौन हैं उइगर मुसलमान और क्या है इनकी पहचान, कैसे चीन की राजनीति में बने अहम जैसे सभी सवालों के बारे में यहां डिटेल में जानें. 

1.President Xi Jinping On Islam 

President Xi Jinping On Islam 
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4 दिन के दौरे पर शिनजियांग पहुंचे जिनपिंग ने स्पष्ट आदेश दिया है कि चीन के मुसलमानों को देशभक्त होना चाहिए और उनकी निष्ठा कम्युनिस्ट पार्टी के लिए होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन में इस्लाम चीनी मूल्यों के अनुसार ही होना चाहिए. अधिकारियों को आदेश दिया है कि उइगरों को राष्ट्रभक्त बनाने के लिए इस्लाम को चीन के अनुकूल बनना चाहिए. साथ ही, उन्होंने कहा कि चीन में इस्लाम को कम्युनिस्ट मूल्यों के अनुसार ही चलना चाहिए. चीन के शिनजियांग प्रांत में 1 करोड़ से ज्यादा उइगर मुस्लिम रहते हैं. 



2.Who are the Uyghurs

Who are the Uyghurs
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चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुसलमान मूल रूप से तुर्क हैं. मध्य और पूर्व एशिया के ये मूल निवासी एक सदी से ज्यादा समय से चीन में रह रहे हैं. उइगरों की भाषा तुर्की है लेकिन चीन में रहने वाले इस समुदाय के लोगों के लिए मैंडरिन सीखना जरूरी है. इन्हें शिक्षा भी चीनी भाषा में ही दी जाती है. चीन में कुल 55 अल्पसंख्यकों को मान्यता दी गई है और उइगर भी उनमें से एक हैं. उइगर मुस्लिमों के बारे में कुछ इतिहासकारों की राय है कि मूल रूप से ये मंगोलिया के उइगर खगनाट जाति के ही हैं. शिनजियांग प्रांत की कुछ गुफाओं में उइगर राजाओं की कलाकृतियां हैं. इससे माना जाता है कि उनका लंबे समय तक उस इलाके में साम्राज्य था. हालांकि, कम्युनिस्ट शासन में चीन में उइगरों के इतिहास को बुरी तरह से बर्बाद करने का भी दावा किया जाता है. 



3.Why Xinjiang Is Important For China 

Why Xinjiang Is Important For China 
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चीन के शिनजियांग प्रांत में ही उइगरों की सबसे ज्यादा आबादी है. चीन के लिए यह हिस्सा आर्थिक और रणनीतिक कारणों से बहुत महत्वपूर्ण है. शिनजियांग प्रांत प्राकृतिक संसाधनों का खजाना है और चीन की आर्थिक तरक्की में इस हिस्से का बहुत बड़ा योगदान है. साथ ही, चीन के लिए रणनीतिक लिहाज से भी यह इलाका संवेदनशील है क्योंकि यह सीमावर्ती क्षेत्र है. इस इलाके के महत्व को देखते हुए साल 2016 में चीन ने यहां का सुरक्षा बजट 40 फीसदी तक बढ़ा दिया है.
 



4.Han Chinese and Uyghur Relation

Han Chinese and Uyghur Relation
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उइगरों और चीन के सर्वाधिक प्रभावशाली हान लोगों के बीच रिश्ते हमेशा से खराब रहे हैं. चीन का सबसे बड़ा जातीय समूह हान है और लंबे समय तक चीन पर हान राजवंश ने राज किया था. हान हमेशा से ही उइगरों की अलग पहचान की वजह से उन्हें शक की नजर से देखते हैं. उइगरों का कहना है कि हानों ने उन पर अत्याचार किया है और उनका लगातार शोषण हो रहा है. 



5.Xinjiang Region History 

Xinjiang Region History 
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शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगरों से चीनी शासन का संघर्ष पुराना है. एक वक्त ऐसा भी था जब शिनजियांग स्वतंत्र प्रांत था और तब उइगरों की हालत इतनी खराब नहीं थी. उइगरों ने अपनी आजादी के लिए काफी संघर्ष भी किया था. साल 1933 से1944 तक शिनजियांग एक स्वायत्त प्रांत था. इस प्रांत को सोवियत रूस से काफी मदद मिलती थी लेकिन फिर 1944 से 1949 के बीच इसे चीन में मिलाने के लिए काफी प्रयास किए गए थे. 1949 में इस क्षेत्र को फिर से चीन में मिला लिया गया था और उसके बाद से उइगरों पर अत्याचार जारी है. इस इलाके को लेकर तब से लेकर आज तक कई आंदोलन किए गए हैं लेकिन चीन की सरकार ने उन्हें बेरहमी से कुचल डाला है.



6.Uyghur In China

Uyghur In China
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चीन में उइगरों पर कई तरह के अत्याचार होते हैं. डिटेंशन कैंप में रखना, राष्ट्र के लिए निष्ठा के नाम पर दी जाने वाली ट्रेनिंग में बहुत सख्ती बरती जाती है. अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि उइगरों को उनकी धार्मिक मान्यताओं के पालन करने से भी रोका जाता है. सुरक्षा के नाम पर उनकी सख्त चेकिंग की जाती है. चीन के लिए किसी भी तरह की आलोचना का अधिकार अल्पसंख्यक उइगरों को नहीं है. 



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