Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Afghanistan का 'एक किडनी वाला गांव', जानें क्या है इस नाम के पीछे का सच

गांव के लोग गरीबी की वजह से इतने लाचार हैं कि इन्हें 'खाने की प्लेट' के लिए शरीर के अंग बेचने पड़ रहे हैं.

Afghanistan का 'एक किडनी वाला गांव', जानें क्या है इस नाम के पीछे का सच
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: यह तो हम सभी जानते हैं कि इंसानों के शरीर के भीतर दो किडनियां होती हैं. इनमें से अगर एक किडनी निकाल ली जाए, तब भी इंसान जिंदा रहता है लेकिन क्या कभी आपने ऐसे गांव के बारे में सुना है जहां अधिकतर लोगों के पेट से एक किडनी गायब है? आज हम आपको ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं.

Agence France Presse के मुताबिक, अफगानिस्तान के हेरात (Herat City) शहर के पास शेनशायबा बाजार नाम का एक गांव है. आपको जानकार हैरानी होगी कि दुनिया भर में इस गांव की पहचान 'एक किडनी वाला गांव' के रूप में की जाती है. अगर आप सोच रहे हैं कि यह उनकी शारीरिक विकृति है तो बता दें कि ऐसा नहीं है. 

ये भी पढ़ें- Holi पर क्यों खाई जाती है Gujiya! क्या हिरण्यकश्यप और प्रहलाद को भी पंसद थी गुझिया

क्या है वजह? 
दरअसल यहां के लोग अपनी एक किडनी बेचने पर मजबूर हैं. गांव के लोग गरीबी की वजह से इतने लाचार हैं कि इन्हें 'खाने की प्लेट' के लिए शरीर के अंग बेचने पड़ रहे हैं. कहा जाता है कि तालिबानी शासन आने के बाद लोग बदहाली से इस कदर जूझ रहे हैं कि उनके लिए अपने परिवार का पेट भरना भी काफी मुश्किल हो गया है. यही वजह है कि यहां अधिकतर लोगों ने अपनी एक किडनी बेच दी है.

किडनी बेचने के बाद उससे मिले पैसों से लोग अपने परिवार को खाना खिला रहे हैं. यहां लोगों के लिए 'ब्लैक मार्केट' में किडनी बेचना बेहद आम बात है. आलम यह है कि गांव के अधिकतर पुरुष और महिलाएं अब एक किडनी के सहारे ही जी रहे हैं. यहां एक किडनी करीब 2 लाख रुपयों में बिकती है. अफगानी मुद्रा में यह 250,000 होता है.

हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement