Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Winter Olympics: कैसे बनती है कृत्रिम बर्फ, पर्यावरण को क्या होता है इससे नुकसान?

Winter Olympics: शीतकालीन ओलंपिक खेलों में कृत्रिम बर्फ के इस्तेमाल से एथलीट के शरीर को नुकसान और पानी की बर्बादी होती है.

Winter Olympics: कैसे बनती है कृत्रिम बर्फ, पर्यावरण को क्या होता है इससे नुकसान?

Image Credit- DNA

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः चीन के बीजिंग में शुक्रवार से शीतकालीन ओलंपिक की शुरुआत हाने वाली है. आयोजन समिति ने ‘हरित और स्वच्छ’ खेलों का आयोजन करने का उद्देश्य रखा है लेकिन यह उद्देश्य अब असफल होता दिख रहा है. वजह है कृत्रिम बर्फ, जिसका खेलों में इस्तेमाल किया जाएगा.

लॉफबोरो यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट इकोलॉजी ग्रुप द्वारा जारी एक रिपोर्ट में शीतकालीन ओलंपिक खेलों में कृत्रिम बर्फ के इस्तेमाल से एथलीट के शरीर को नुकसान और पानी की बर्बादी होती है.

पढ़ें- Winter Olympics 2022: Beijing के आसपास लॉकडाउन, 20 लाख लोग घरों में कैद रहने पर मजबूर

क्या है कृत्रिम बर्फ

कृत्रिम बर्फ, वह बर्फ है, जिसे सख्त करने के लिए पानी के साथ इंजेक्ट किया जाता है. बर्फ को कठोर रखने के लिए रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है. कुछ इसी तरह की कृत्रिम बर्फ का उपयोग शीतकालीन ओलंपिक में भी किया जाता है.

पढ़ें-  Beijing Winter Olympics 2022: ब्रिटेन और कनाडा भी करेंगे राजनयिक बहिष्कार

लॉफबोरो यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2050 तक ओलंपिक की मेजबानी करने वाले 20 स्थानों में से केवल 10 ही इतनी मात्रा में बर्फ उत्पादित कर पाएंगे. वही शीतकालीन खेलों का अस्तित्व कृत्रिम बर्फ के उत्पादन पर ही निर्भर होता है. 

खेलों में इस्तेमाल होती है कृत्रिम बर्फ

खेलों में ढलान बनाने के लिए कृत्रिम बर्फ (Artificial Snow) का उपयोग होता है. इसे बनाने के लिए उच्च मात्रा में पानी और ऊर्जा की आवश्यकता होती है. शीतकालीन खेलों के लिए कृत्रिम बर्फ का उपयोग काफी बढ़ गया है. ऐसा करने से हिमपात पर असर पड़ रहा है. हिमपात लगातार कम हो रहा है. 

समय का साथ उपयोग बढ़ा

2014 में हुए सोची ओलंपिक की प्रतियोगिताओं के लिए 80% कृत्रिम बर्फ का इस्तेमाल किया गया था. प्योंगयांग शीतकालीन खेलों में यह आंकड़ा बढ़कर 90% हो गया. 2010 के वैंकूवर गेम्स की प्रतियोगिताओं में भी कृत्रिम बर्फ का उपयोग किया गया था. बीजिंग शीतकालीन खेलों में इटली की कंपनी से बर्फ बनाने वाली मशीनों को खरीदा गया था. यह मशीनें कृत्रिम बर्फ बनाती है. 

बीजिंग खेलों में कृत्रिम बर्फ पर विवाद क्यों? 

बीजिंग कम पानी वाले क्षेत्रों में गिना जाता है. ऐसा भूजल पर अधिक निर्भरता के कारण हो रहा है. 1950 के बाद से यहां के ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं. ग्रीनपीस एक अध्ययन के अनुसार, चीन के ग्लेशियर 82% तक पिघल गए हैं. 1950 तक बर्फ का पांचवां हिस्सा गायब हो गया था. रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि 2030 के आसपास बीजिंग में पानी की कमी एक समस्या बन जाएगी.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement