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Coronvirus: Vaccine की बूस्टर डोज को लेकर क्यों चिंता में है WHO?

WHO के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस ने दुनिया में वैक्सीन के बूस्टर डोज की बढ़ती मांग पर चिंता जाहिर की है.

Coronvirus: Vaccine की बूस्टर डोज को लेकर क्यों चिंता में है WHO?

बूस्टर डोज को लेकर जल्द नियम बदला जा सकता है.

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डीएनए हिंदी: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने दुनियाभर  को आगाह किया है कि कोई भी देश बूस्टर डोज के जरिए वैश्विक महामारी (Global Pandemic) कोरोना वायरस (Coronavirus) से बाहर नहीं आ सकता है.  22 दिसंबर को जिनेवा (Geneva) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यह जानकारी दी है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोना के खिलाफ कोविड प्रोटोकॉल के पालन के बिना सिर्फ बूस्टर डोज के जरिए कोविड महामारी के खिलाफ जंग नहीं जीती जा सकती.  स्ट्रेटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन इम्यूनाइजेशन (SAGE) ने बूस्टर डोज के संबंध में अंतरिम दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. 

एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन इम्यूनाइजेशन ने चिंता जताई है कि कई देश सामूहिक तौर पर बूस्टर डोज दे सकते हैं. ऐसी स्थिति में टीकाकरण में पहले से पसरी वैक्सीन विषमता और गहरी हो जाएगी. सभी वैक्सीन डोज का करीब 20 फीसदी हिस्सा बूस्टर या एक्ट्रा डोज के तौर पर लोगों को मिल रहा है.

Coronvirus: Vaccine की बूस्टर डोज को लेकर क्यों चिंता में है WHO?

बूस्टर डोज से और लंबी खिंच सकती है महामारी!

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस ने कहा कि अंधाधुंध बूस्टर कार्यक्रमों से महामारी खत्म होने की जगह और लंबा खिंच सकती है. ऐसा होने की वजह से वैक्सीन की आपूर्ति उन देशों की ओर बढ़ सकती है जहां पहले से ही वैक्सीनेशन (Vaccination) की रफ्तार बेहतर है. इसकी वजह से कोरोना के वेरिएंट में बदलाव आ सकता है.

किन लोगों में Omicron का ज्यादा है खतरा?

डॉक्टर टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस ने कहा है कि जल्द से जल्द सभी देशों में 40 फीसदी आबादी और साल 2022 के मध्य तक 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण को प्राथमिकता दी जानी होगी. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि यह याद रखना होगा कि अस्पताल में भर्ती होने या मौत होने का जोखिम उन लोगों में ज्यादा है जिनका अभी टीकाकरण नहीं हुआ है. यब बात साफ है कि हमारे पास जो वैक्सीन है, वे डेल्टा और ओमिक्रॉन, दोनों वेरिएंट के खिलाफ कारगर हैं.

वैक्सीन विषमता पर चिंतित है WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस ने कहाहै कि कुछ देशों में अंधाधुंध ढंग से वैक्सीन की बूस्टर डोज दिए जाने के कार्यक्रम शुरू किये गए हैं. कहीं तीन डोज तो कहीं 4, जैसा कि इजरायल में हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्य देशों में से महज आधी संख्या में ही देश, अपनी 40 फीसदी आबादी का टीकाकरण करने में सफल हो पाए हैं. इसकी वजह ये है कि दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं जो वैक्सीन अफोर्ड कर सकते हैं कुछ देशों में वैक्सीन आपूर्ति आज भी मुश्किल है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अगर 2021 में न्यायसंगत संख्या में लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ होता तो हर देश इस लक्ष्य को सितंबर में ही हासिल किया जा सकता है. वैश्विक संगठन ने वैक्सीन आपूर्ति बढ़ाने की अपील की है.

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