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Quad Summit: प्रेजिडेंट बाइडेन ने कहा, महामारी से निपटने में भारत पास, चीन फेल

जापान में हो रहे क्वॉड सम्मेलन में अमेरिकी प्रेजिडेंट जो बाइडेन ने भारत की जमकर प्रशंसा की. वहीं उन्होंने चीन की आलोचना की.

Quad Summit: प्रेजिडेंट बाइडेन ने कहा, महामारी से निपटने में भारत पास, चीन फेल

नरेंद्र मोदी और जो बाइडेन

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डीएनए हिन्दी: जापान के टोक्यो में क्वॉड सम्मेलन के दौरान अमेरिकी प्रेजिडेंट जो बाइडेन ने चीन की कड़ी आलोचना की. चीन की आलोचना से ज्यादा बड़ी बात भारत की प्रशंसा थी. मंगलवार को अमेरिकी प्रेजिडेंट ने कोविड 19 से निपटने के भारत के प्रयासों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि इस महामारी से निपटने में भारत ने लोकतांत्रिक तरीके से बेहतरीन काम किया है. बाइडेन कोविड 19 को निपटने में चीन की विफलता को भी उजागर किया. उन्होंने कहा कि आबादी के हिसाब से दोनों देश लगभग बराबर हैं, लेकिन कोविड से निपटने में भारत सफल रहा और चीन विफल.

एक अधिकारी के मुताबिक, प्रेजिडेंट बाइडेन ने कहा कि कोविड के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की सफलता को दुनिया ने देखा. बाइडेन के मुताबिक, 'पीएम मोदी ने उस मिथक को भी तोड़ा कि चीन और रूस जैसे अलोकतांत्रिक देश संकट के समय में बेहतर और तेज फैसले ले सकते हैं, जबकि लोकतांत्रिक देशों में फैसले लेने में लंबा समय लगता है. मोदी ने यह साबित किया कि उनका नेतृत्व बिना लंबी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के निर्णय भी ले सकता है और उसे लागू भी करा सकता है.'

अधिकारी के मुताबिक, बाइडेन ने इसके लिए पहले तैयारी नहीं की थी. अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया देने से पहले उन्होंने विशेष हस्तक्षेप कर ये बातें कही.

यह भी पढ़ें, जानिए क्या हैं QUAD सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे और इससे क्यों परेशान है चीन

पीएम मोदी ने क्वॉड लीडर्स के साथ बैठक के कुछ देर बाद ही प्रेजिडेंट बाइडेन के साथ यह बैठक की. जापान में हो रहे क्वॉड समिट में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के शीर्ष नेतृत्व ने भाग लिया. 

यह समिट चौथी बार हुई है. सबसे पहले ये लीडर्स मार्च 2021 में वर्चुअल रूप से मिले थे. सितंबर 2021 में ये लोग वॉशिंगटन में मिले, फिर मार्च 2022 में ये लोग वर्चुअली मिले थे. इसके बाद यह उनकी चौथी मुलाकात है.

क्वॉड समिट में नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पारस्परिक हितों के साथ विकास और ग्लोबल मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. इस शिखर सम्मेलन के बाद समुद्री क्षेत्र, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, स्पेस, स्वास्थ्य और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में निरंतर सहयोग के लिए एक नई पहल की शुरुआत हुई है.

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