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Ram Navami Violence विवाद में कूदा इस्लामिक देशों का संगठन OIC, बताया इसे मुस्लिमों के खिलाफ संगठित हमला

Organisation of Islamic Cooperation: ओआईसी मुस्लिम देशों का संगठन है, जो पहले भी कई बार भारत को लेकर बयानबाजी कर चुका है.

Ram Navami Violence विवाद में कूदा इस्लामिक देशों का संगठन OIC, बताया इसे मुस्लिमों के खिलाफ संगठित हमला

Ram Navami Violence

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डीएनए हिंदी: राम नवमी के त्योहार पर शोभा यात्राओं के दौरान देश के कई राज्यों में हुई सांप्रदायिक हिंसा में अब OIC भी कूद पड़ा है. इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (Organisation of Islamic Cooperation) ने इस हिंसा को मुस्लिमों के खिलाफ संगठित हमला बताया है. OIC ने मंगलवार को कहा कि भारत में राम नवमी पर हिंसा के जरिये मुसलमानों को निशाना बनाया गया, जो बेहद चिंताजनक है. बता दें कि भारत में राम नवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में शोभा यात्राएं निकाले जाने के दौरान माहौल खराब हो गया, जिसके चलते बेहद हिंसा हुई है. हिंदूवादी संगठनों ने मुस्लिमों पर पथराव और हथियारों से हमले करने का आरोप लगाया है, जबकि मुस्लिम संगठन इसके लिए हिंदूवादी संगठनों, खासतौर पर भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

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क्या कहा है ओआईसी ने

ओआईसी ने मंगलवार को एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा, राम नवमी की शोभायात्रा के दौरान मुस्लिमों को निशाना बनााना चिंताजनक है. कई भारतीय राज्यों में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा हुई है. बिहार के बिहारशरीफ में हुई हिंसा का हवाला देते हुए ओआईसी ने कहा, अतिवादी हिंदुओं ने मदरसों को निशाना बनाया है. लाइब्रेरी को आग लगा दी है. ओआईसी महासचिव इन हमलों की और उकसाने वाली घटनाओं की आलोचना करते हैं. 

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इस्लामोफोबिया का उदाहरण बताया

ओआईसी ने अपने बयान में इन घटनाओं को भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया (इस्लाम के प्रति पूर्वाग्रह) का उदाहरण बताया है. साथ ही कहा, भारत में मुस्लिमों को लगातार योजानाबद्ध तरीके से निशाना बनाया जा रहा है. संगठन ने भारत सरकार से हिंसा में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग की. साथ ही मुस्लिमकों के अधिकार व मर्यादा की रक्षा सुनिश्चित करने के साथ उन्हें सुरक्षित माहौल देने की मांग की है.

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क्यों अहम है ओआईसी का बयान

पहले जान लीजिए कि ओआईसी क्या है और उसकी बात को अहमियत क्यों दी जा रही है. सऊदी अरब के प्रभाव वाला ओआईसी 57 मुस्लिम देशों का संगठन है, जिसकी स्थापना 1969 में की गई थी. इस संगठन के देशों की संयुक्त आबादी 1.8 अरब से भी ज्यादा है. इसे संयुक्त राष्ट्र संघ के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा संगठन माना जाता है. इस संगठन में पाकिस्तान की अहम भूमिका है. भारत में दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले तीसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी होने के बावजूद पाकिस्तान की आपत्ति के कारण उसे इस संगठन में शामिल नहीं किया गया है. 

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पहले भी भारत के खिलाफ बयान दिए हैं ओआईसी ने

  • कश्मीर को लेकर ओआईसी लगातार पाकिस्तान समर्थक रुख वाले बयान देता रहा है.
  • कर्नाटक हिजाब विवाद को लेकर भी ओआईसी ने भारत विरोधी बयान दिया था.
  • हरिद्वार धर्म संसद को भी ओआईसी ने भारत में मुस्लिमों से नफरत के साथ जोड़ा था.
  • नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भी ओआईसी ने भारत पर सवाल उठाया था.

भारत करता रहा है ओआईसी की आपत्तियों को खारिज

भारत हमेशा ओआईसी की आपत्तियों को अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की कोशिश बताकर खारिज करता रहा है. विदेश मंत्रालय साफतौर पर कह चुका है कि भारत में अलग-अलग मुद्दों को संविधान के दायरे में तय नियमों के तहत ही देखा जाता है. भारत ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना ओआईसी पर उसके प्रभाव को लेकर चिंता भी जताई थी. साथ ही ओआईसी देशों को सलाह दी थी कि संगठन को स्वार्थी समूहों के नापाक भारत विरोधी दुष्प्रचार का मंच नहीं बनने देना चाहिए, क्योंकि इससे केवल ओआईसी की प्रतिष्ठा ही खराब होती है.

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