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Ukraine के राष्ट्रपति जेलेंस्की और उनके परिवार को पकड़ने घर तक आ गई थी रूसी सेना: रिपोर्ट 

TIME मैगजीन के एक इंटरव्यू में दावा किया गया है यूक्रेन के राष्ट्रपति और उनके परिवार को पकड़ने के लिए रूस की सेना उनके घर तक पहुंच गई थी.

Ukraine के राष्ट्रपति जेलेंस्की और उनके परिवार को पकड़ने घर तक आ गई थी रूसी सेना: रिपोर्ट 

वोलोदिमीर जेलेंस्की

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डीएनए हिंदी: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के एक सहयोगी ने दावा किया है कि युद्ध की शुरुआत में ही रूसी सैनिक राष्ट्रपति और उनके परिवार को पकड़ने आ गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, 24 फरवरी को युद्ध शुरू होते ही रूस की कोशिश थी कि जेलेंस्की और उनके परिवार को पकड़ लिया जाए. हालांकि, जेलेंस्की किसी तरह बच गए और रूस की यह कोशिश नाकाम हो गई.

प्रतिष्ठित TIME मैगज़ीन ने 'इनसाइट जेलेंस्की वर्ल्ड' नाम से उनके चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री यर्मक का एक इंटरव्यू छापा है. इस इंटरव्यू में एंड्री ने बताया है कि किस तरह रूस के सैनिक कीव में दाखिल हुए थे और वे किसी भी तरह राष्ट्रपति जेलेंस्की और उनके परिवार को पकड़ना और मारना चाहते थे.

युद्ध के पहले ही दिन जेलेंस्की पर था रूस का निशाना
एंड्री ने कहा, 'राष्ट्रपति निवास रूस के रडार पर था. अचानक जेलेंस्की के दफ्तर के बाहर गोलियों की आवाज आने लगी. युद्ध शुरू होने के कुछ ही घंटे में रूस के सैनिक राष्ट्रपति को ढूंढते हुए आ गए थे. राष्ट्रपति और उनका परिवार अंदर ही था. राष्ट्रपति के गार्ड्स ने कैसे भी करके कैंपस को सील किया. अंदर मौजूद गार्ड्स ने लाइट बंद कर दी और जेलेंस्की और उनके सहयोगियों के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट और असॉल्ट राइफल ले आए. उसमें से कुछ ही लोग ऐसे थे जो हथियार चलाना जानते थे. जेलेंस्की ने बाद में मुझे बताया कि उस समय उनकी पत्नी और बच्चे भी वहीं थे.'

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राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्री ने आगे कहा, 'हमने इससे पहले ये सब सिर्फ फिल्मों में देखा था. उसी दिन यह तय हो गया कि राष्ट्रपति का दफ्तर सुरक्षित जगह नहीं रह गया था. सेना ने जेलेंस्की को सूचना दी कि रूस की स्ट्राइक टीम ने कीव में पैराशूट लैंडिंग की है और वह राष्ट्रपति और उनके परिवार को मारना या पकड़ना चाहती है.'

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भागने के बजाय लड़ूंगा: जेलेंस्की
आपको बता दें कि युद्ध शुरू होने के दो दिन बाद ही अमेरिकी सरकार ने जेलेंस्की को सुरक्षित बाहर निकालने का ऑफर दिया था. हालांकि, जेलेंस्की ने इस ऑफर को मना कर दिया और कहा, 'मुझे भागने का रास्ता नहीं हथियार चाहिए.' यह भी बताते चलें कि रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी को शुरू हुए इस युद्ध को 66 दिन बीच चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकाला जा सका है.

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