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UP Election: कांग्रेस ने जिसे टिकट दिया उसने जॉइन की सपा, बीजेपी ने नहीं दी छह बार के विधायक को तवज्जो

राजेश अग्रवाल बेटे मनीष अग्रवाल को टिकट दिलाना चाहते थे.

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UP Election: कांग्रेस ने जिसे टिकट दिया उसने जॉइन की सपा, बीजेपी ने नहीं दी छह बार के विधायक को तवज्जो

baraily cant

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डीएनए हिंदी: खेल और राजनीति में कब क्या हो जाए कहा नहीं जा सकता. उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश की बरेली कैंट विधानसभा सीट को ही ले लें. इस सीट से कांग्रेस ने जिसे अपना उम्मीदवार बनाया उसने समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली. 

न केवल पार्टी जॉइन की बल्कि इसी सीट से लड़ने की तैयारी भी कर ली है. जी हां, उत्तर प्रदेश की हॉट सीट बरेली कैंट से सुप्रिया ऐरन समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ेंगी.

वहीं इस सीट पर सत्तासीन बीजेपी की बात करें तो उसने दो बार के विधायक राजेश अग्रवाल का टिकट काटकर संघ से जुड़े संजीव अग्रवाल को टिक​ट दिया है. राजेश अग्रवाल यूपी सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं. संजीव और सुप्रिया के मैदान में होने से मुकाबला काफी रोचक हो चुका है. 

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कौन हैं राजेश अग्रवाल? 
राजेश अग्रवाल 1993 में 12वीं विधानसभा के पहली बार सदस्य बने थे. इसके बाद उन्होंने 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. वह 22 मार्च 2017 से 20 अगस्त 2019 तक योगी सरकार में वित्त मंत्री रहे. वह पहले बरेली सीट से 1996, 2002 और 2007 में विधायक रहे फिर परिसीमन के बाद बरेली कैंट से विधायक बने. वह मायावती मंत्रिमंडल में कर एवं निबन्धन मंत्री रहे. 

राजेश अग्रवाल भाजपा कोषाध्यक्ष बनने के बाद वह बेटे मनीष अग्रवाल को टिकट दिलाना चाहते थे लेकिन बीजेपी ने उन्हें तवज्जो नहीं दी. जैसे ही भाजपा ने लिस्ट जारी की तो बगावत के सुर फूट पड़े. मनीष ने फेसबुक पर पोस्ट किया कि निष्ठा हार गई और पैसा जीत गया. हालांकि इसके बाद उन्होंने यह पोस्ट डिलीट कर दिया. 

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क्या है समीकरण? 
इस सीट पर कांग्रेस ने 7 बार जीत हासिल की है. 2012 के चुनाव में राजेश अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी के नेता फहीम साबिर को शिकस्त दी थी. सपा के शानदार प्रदर्शन के बावजूद राजेश अग्रवाल इस सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर राजेश अग्रवाल ने जीत दर्ज की. उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार नवाब मुजाहिद हसन को 1 लाख 12 हजार 664 वोटों से शिकस्त दी थी. 

अब मुकाबला बरेली की पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन और संजीव अग्रवाल के बीच है. देखना दिलचस्प होगा कि दोनों में से कौन खाता खोलने में कामयाब रहता है. 

इस सीट पर जातिगत आंकड़ों की बात करें तो दलित लगभग 51 हजार, वैश्य 42 हजार, कायस्थ 23 हजार, मौर्य 19 हजार, ब्राह्मण 21 हजार, सिख 7 हजार और यादव लगभग 4 हजार हैं. बरेली कैंट सीट पर कुल मतदाता 3,74,239 हैं. 

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