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Goa Election 2022: जानिए आखिर क्यों प्रत्याशियों को धार्मिक शपथ दिला रही है Congress

Goa Election 2022 के लिए कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को शपथ दिला रही है कि वे चुनाव जीतने के बाद पार्टी न छोड़ें.

Goa Election 2022: जानिए आखिर क्यों प्रत्याशियों को धार्मिक शपथ दिला रही है Congress
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डीएनए हिंदी: वर्तमान राजनीतिक हालातों में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) अपने विधायकों को जोड़कर रखने के लिए सर्वाधिक संघर्ष करती है. इसी बीच खबरें हैं कि गोवा विधानसभा चुनाव (Goa Election 2022) के लिए कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को पार्टी न छोड़ने की शपथ दिला रही है क्योंकि एक धारणा बन चुकी है कि कांग्रेस का वोट भी बीजेपी (BJP) के हिस्से में जाता है. राज्य में आम आदमी पार्टी (AAP) और टीएमसी (TMC) कांग्रेस को इसी मुद्दे पर घेर रहे हैं. 

कांग्रेस प्रत्याशियों को दिलाई शपथ 

दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी प्रत्याशियों को शपथ दिलाई है कि यदि वे चुनाव जीतते हैं तो जीतने के बाद वो पार्टी नहीं छोड़ेंगे. इन नेताओं को मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे और चर्च समेत सभी धार्मिक जगहों पर शपथ दिलाई गई है. वहीं इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिगंबर कामत ने कहा, “हमने कुल मिलाकर जनता के मन में जो भी शंकाएं हैं, उन्हें दूर करने की कोशिश की है कि कांग्रेस इस धारणा को लेकर बहुत गंभीर है."

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पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की मंशा और लोगों की मनोस्थिति को लेकर उन्होंने कहा, “कुछ राजनेता कह रहे हैं कि कांग्रेस के विधायकों को चुनने का कोई फायदा नहीं है. वे दूसरी पार्टियों में जाएंगे. ये वही नेता हैं जो हमारे विधायकों को लूट रहे हैं. यदि कोई बेटा माता-पिता को छोड़ देता है तो बेटा और माता-पिता दोनों जिम्मेदार होते हैं. हमारे विधायकों को शामिल करने वाली पार्टियां भी इसके लिए जिम्मेदार हैं.” 

TMC और AAP का हमला 

गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस यहां 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी लेकिन चुनाव प्रभारी दिग्विजय सिंह की सुस्ती और बीजेपी की रणनीति के चलते कांग्रेस की सरकार न बन सकी. इसका नतीजा यह हुआ कि 17 में से 15 विधायक भी बीजेपी में ही चले गए. ऐसे में TMC और AAP जैसी पार्टियों ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए यह तक कहना शुरू कर दिया है कि कांग्रेस का वोट भी बीजेपी को ही जाता है. 

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कांग्रेस पहले ही TMC और AAP के लड़ने से वोटों की कटौती को लेकर डर रही है. वहीं प्रत्याशियों के लिए विश्वसनीयता की कमी कांग्रेस की मुसीबत बन सकती है जिसके चलते इन प्रत्याशियों को धार्मिक मान्यताओं के आधार पर शपथ दिलाई जा रही है. ध्यान देने वाली बात यह है कि असम विधानसभा चुनावों के बाद भी पार्टी ने नतीजे आने से पहले अपने प्रत्याशियों को छत्तीसगढ़ के होटल में नजरबंद कर दिया था. इसका सकसद भी हॉर्स ट्रेडिंग को रोकना था.

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