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Punjab Election 2022: CM चन्नी के बाद बीजेपी ने किया चुनाव टालने का अनुरोध, जानिए क्या है बड़ी वजह

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बाद बीजेपी चीफ ने भी रविदास जयंती के मौक़े को देखते हुए चुनाव आयोग से मतदान की तारीखें आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है.

Punjab Election 2022: CM चन्नी के बाद बीजेपी ने किया चुनाव टालने का अनुरोध, जानिए क्या है बड़ी वजह

Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi.

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डीएनए हिंदी: पंजाब चुनावों की तारीख आगे बढ़ाने के लिए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बाद अब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. प्रदेश अध्यक्ष ने भी रविदास जयंती का हवाला देते हुए कहा है कि बड़ी संख्या में लोग वाराणसी जाएंगे. इसलिए, उन्होंने चुनाव की तारीखें आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है. 

दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस (Congress) पंजाब में पिछले 6 महीने से अधिक फोकस कर रही है. इसी का नतीजा है कि पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) को हटाने के बाद मुख्यमंत्री के विकल्प के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channj) को चुना. वहीं पंजाब विधानसभा चुनावों (Punjab Election 2022) की तारीखों को आगे बढ़ाने के मुद्दे पर भी सीएम चन्नी ने दलितों की भावनाओं का मुद्दा उठाया है और इसी को ध्यान में रखते हुए वह चुनाव को आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं. 

रविदास जयंती का दिया हवाला 

दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने Punjab Election 2022 को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा और मांग की है कि 14 फरवरी के दिन होने वाले मतदान को 6 दिन आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “16 फरवरी, 2022 को श्री गुरु रविदास जी की जयंती है जिस मौके पर बड़ी संख्‍या में उत्‍तर प्रदेश के वाराणसी की यात्रा करते हैं. ऐसे में 14 फरवरी को चुनाव से बड़ी संख्‍या में लोग मतदान से वंचित रह सकते हैं.”

दलितों ने की है अपील 

सीएम चन्नी ने कहा कि मतदान को आगे बढ़ाने के लिए दलित समुदाय ने उनसे अनुरोध किया था. उन्होंने कहा, “रविदास जयंती के मौके पर 10 से 16 फरवरी के बीच लगभग 20 लाख श्रद्धालुओं के वाराणसी जाने का कार्यक्रम है. इस संबंध में उनसे दलित समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल मिला और चुनाव की तारीख कुछ इस तरह रखने का अनुरोध किया कि वे संत रविदास की जयंती पर वाराणसी में होने वाले कार्यक्रम में भी शामिल हो सकें और चुनाव में अपने मताधिकार का भी इस्‍तेमाल कर सकें.” 

दलितों को फिर बनाया मुद्दा 

संत रविदास जयंती और चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने को लेकर एक बार फिर सीएम चन्नी ने दलितों का मुद्दा उठाया है. उनके इस पत्र को भी दलितों की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. कांग्रेस बार-बार दलितों का मुद्दा इसलिए उठा रही है क्योंकि इन चुनावों में 32 फीसदी दलित आबादी चुनाव परिणामों को सर्वाधिक प्रभावित कर सकती है. ऐसे में यदि यह वोट कांग्रेस के साथ आता है तो पार्टी बड़ी ही आसानी से चुनाव में विजय की ओर बढ़ सकती है.

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